◆ लेखपाल बेरोजगार प्रमाण पत्र के लिए कर रहा था परेशान मांग रहा था दस हजार की रिश्वत
मिल्कीपुर, अयोध्या। यूं ही नही रामउजागिर ने लेखपाल की शिकायत एंटी करेप्शन में की थी। लगातार लेखपाल बेरोजगार प्रमाण पत्र देने में हीलाहवाली कर रहा था। दस हजार की रिश्वत की मांग कर रहा था। शिकायत पर भ्रष्टाचार निरोधक संगठन उत्तर प्रदेश अयोध्या मंडलीय इकाई ने मंगलवार शाम मिल्कीपुर तहसील परिसर से रंगे हाथ दस हजार रुपए रिश्वत लेते हुए राजस्व लेखपाल वेद प्रकाश वर्मा को गिरफ्तार किया था।
मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र के बोड़ेपुर गांव निवासी राम उजागिर यादव पुत्र स्वर्गीय ठाकुर दीन यादव ने लेखपाल की कार्यशैली से परेशान होकर भ्रष्टाचार निवारण संगठन की शाखा अयोध्या में शिकायत दर्ज कराई। पीड़ित राम उजागिर यादव ने बताया कि बड़ा बेटा राम भवन जिसकी उम्र करीब 35 वर्ष थी जो मेरठ में आर्मी की आरबीसी यूनिट में कार्यरत थे ड्यूटी के बाद शाम को दूध सब्जी लेने निकले थे की मेरठ जिले के कैंट थाना क्षेत्र अंतर्गत लाल कुर्ती के पास उनकी सड़क दुर्घटना में 30 जनवरी 2025 को मौत हो गई। बड़े बेटे की सड़क दुर्घटना की मौत से पूरा परिवार आज भी दुखी है, मृतक फौजी के एक पुत्र जयेश यादव 15 वर्ष व एक पुत्री शैलजा यादव 13 वर्ष है। मृतक फौजी की पत्नी आशा देवी को अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिलनी है। आरबीसी केंद्र और कॉलेज मेरठ कैंट के कर्नल एम. एम. मधुसूदन द्वारा 7 अप्रैल को जारी पत्र के माध्यम से विभिन्न प्रमाणपत्रों की मांग की गई हैं। जिसमे परिवार के बेरोजगार सदस्यों की तहसीलदार द्वारा सत्यापित बेरोजगार प्रमाणपत्र की प्रतिलिपि की भी मांग के साथ 17 अन्य प्रकार के दस्तावेज भी उपलब्ध कराने को कहा गया हैं। गांव में तैनात लेखपाल वेद प्रकाश वर्मा ने परिवार की बेरोजगार प्रमाण पत्र पर आख्या लगाने के लिए मृतक फौजी के वृद्ध पिता रामउजागिर (70वर्ष) से 10 हजार रूपये रिश्वत की मांग की जा रही थी। पीड़ित ने बताया कि लेखपाल वेद प्रकाश वर्मा से हाथ जोड़कर निवेदन किया था कि बेटा अब इस दुनिया में नहीं है आर्थिक स्थिति ठीक नही है। छोटे बच्चों को देख आप रिपोर्ट लगा दीजिए परंतु लेखपाल का दिल नही पसीजा लगातार रूपयों की मांग करते रहे। परेशान होकर एंटीकरप्शन में अपनी व्यथा सुनाई और प्रकरण की लिखित शिकायत दी। जिसके क्रम में मंगलवार को रिश्वतखोर लेखपाल को एंटीकरप्शन टीम ने तहसील परिसर मिल्कीपुर से गिरफ्तार किया। आज भी पीड़ित राम उजागिर बेरोजगार प्रमाण पत्र की आस लगाए बैठे हैं। ऐसे में देखना होगा की तहसील प्रशासन पीड़ित परिवार की कितनी जल्दी मदद करता है।