◆ एक वर्ष से खतौनी बंधक होने के बावजूद भी आज तक नहीं बन सका किसान क्रेडिट कार्ड
अंबेडकर नगर। केंद्र सरकार किसानों के प्रति बेहद गंभीर है। सरकार किसानों की आय दोगुना करने की बात भले ही करती आ रही हो, लेकिन धरातल पर अधिकारीयों एवम कर्मचारियों की मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रहा है।सरकार किसानों को खेती में किसी प्रकार व्यवधान न हो इसके लिए किसान क्रेडिट कार्ड प्राथमिकता के आधार पर बनाने के लिए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। लेकिन सेंट्रल बैंक अशरफपुरबरवां अहिरौली बाजार में है। इस बैंक से किसान रमाशंकर पाठक निवासी पटखौली ने वर्ष 2022 में केसीसी बनाने के लिए बैंक में आवेदन किया था और आवेदन करने के बाद किसान की खतौनी 14 मार्च 2022 को बंधक बना दिया गया, लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक किसान क्रेडिट कार्ड बैंक कर्मचारियों की मनमानी के आगे नही बन सका।
बैंक कर्मी स्टाफ की कमी बताते हुए दौड़ाते रहे और जब फिर किसान रमा शंकर पाठक ने अगस्त माह में तैनात बैंक मैनेजर से किसान क्रेडिट कार्ड न बनने के संबंध में जानकारी लेने गए तो उन्होंने बताया कि कागजात सारे जमा कर दो, पांच छ महीने में बन जाएगी। लगातार बैंक का चक्कर लगाकर थक चुके किसान ने आइजीआरएस पोर्टल के माध्यम से बीते छः सितम्बर को अपनी केसीसी बनाए जाने के संबंध में एक शिकायत की और किसान ने अपने पूरे मामले को दर्शाते हुए बताया कि एक वर्ष से हमारी खतौनी बंधक है और आज तक हमें किसान क्रेडिट कार्ड का पैसा नहीं उपलब्ध हो सका। शिकायत से नाराज बैंक मैनेजर ने बदले की भावना से 18 सितंबर को अहिरौली थाने में किसान के खिलाफ तहरीर देकर कार्यवाही की मांग की है। वहीं मजे की बात यह भी है कि बैंक मैनेजर द्वारा किसान से कहा गया की तुम्हारा किसान क्रेडिट कार्ड बन गया है और तुम आओ जो शिकायत किए हो उस पर हस्ताक्षर करो तब हम तुम्हारा केसीसी बना देंगे, किसान ने पूछा हमारे खिलाफ शिकायत थाने में किया है तो मैनेजर ने बताया कि तुम हमारे खिलाफ हमारे विभाग में शिकायत करोगे तो हमको भी कुछ करना पड़ेगा। सवाल यह है कि यदि इसी तरह बैंक मैनेजर किसानों के साथ इस तरह व्यवहार करते रहे तो बैंक से जाने में हर किसान डरेगा। इस संबंध में बैंक मैनेजर से दूरसंचार पर बात करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन नहीं उठा।