अयोध्या । जिलाधिकारी नितीश कुमार की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद की बैठक हुई। बैठक में उपनिदेशक पर्यटन ने बताया कि उप्र पर्यटन नीति 2022 का प्रख्यापन पर्यटन विभाग द्वारा किया गया है जिसमें पर्यटन के क्षेत्र में निवेशकों हेतु अपार संभावनाएं समाहित है। उद्यमियों को पात्र पर्यटन की स्थापना करने पर वित्तीय प्रोत्साहन अनुदान, लाभ एवं छूट प्रदान करने की पारदर्शी एवं सहज ऑनलाइन व्यवस्था की गयी है। यह नीति 23 दिसम्बर 2022 से पांच साल के लिए संचालित है। पात्र पर्यटन इकाइयां में बजट होटल, गेस्ट हाउस, सर्वऋतु अथवा मौसमी अस्थायी शिविर, कारवां पर्यटन इकाईयां, कारवां पार्किंग स्थल, गतिविधियों के लिए कन्वेंशन सेंटर, सांस्कृतिक केन्द्र, सांस्कृतिक, ग्रामीण या पर्यटन गांव, ईको पर्यटन रिसॉर्ट, फार्म स्टे, फलो टेल्स व फ्लोटिंग रेस्तरां, विरासत होटल, विरासत गृह प्रवेश, होटल्स, नई पर्यटन स्टार्टअप इकाइयों, अन्तर्राष्ट्रीय योगा केन्द्र, प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र, प्रकाश एवं ध्वनि शो, लेजर शो, मेगा प्रोजेक्ट्स, बहुस्तरीय पार्किंग, स्थायी तम्बू आवास, स्विस कॉटेज, तीर्थयात्रा शयनगृह, धर्मशालाएं और आश्रम, सार्वजनिक गोल्फ कोर्स इकाइयों-खुले एवं अप्रतिबंधित क्षेत्र में, सार्वजनिक संग्रहालय, रिसॉर्ट्स, घूमने वाला रेस्तरां सम्मिलित है।
उन्होंने बताया कि पात्र पर्यटन इकाइयों की स्थापना करने पर उद्यमियों को भूमि क्रय करने के लिये स्टाम्प शुल्क में शत-प्रतिशत छूट है। भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क में शत-प्रतिशत छूट, सम्बन्धित प्राधिकरण में नक्शा पास करने हेतु विकास शुल्क में शत-प्रतिशत छूट एवं 25 प्रतिशत तक सब्सिडी का प्राविधान विभिन्न नियमों के अन्तर्गत किया गया है। वर्तमान में उक्त नीति के अन्तर्गत जनपद-अयोध्या में कुल 150 इकाईयां पंजीकृत है।
इस क्रम में जिलाधिकारी ने उपनिदेशक पर्यटन को उ0प्र0 पर्यटन नीति के अन्तर्गत प्रख्यापित उक्त योजना से नियमानुसार अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करने के निर्देश दिये। बैठक सीडीओ ऋषिराज, एस पी सिटी, उप निदेशक पर्यटन सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।