जलालपुर अंबेडकर नगर। जलालपुर क्षेत्राधिकारी के लिए सरकारी आवास ना होने के चलते आज भी किराए के मकान में क्षेत्राधिकारी रहने को मजबूर हैं , जहां सुरक्षा की दृष्टि से नाकाफी है। बताते चलें कि जलालपुर क्षेत्राधिकारी आवास का निर्माण आज तक नहीं हो पाया है, जो भी यहां क्षेत्राधिकारी आते हैं उन्हें किराए के कमरों में रहना पड़ता है। आज तक तहसील प्रशासन क्षेत्राधिकारी के आवास के लिए जमीन उपलब्ध नहीं करा पाई है, जबकि इसके लिए क्षेत्राधिकारी देवेंद्र कुमार मौर्य ने आठ बार से अधिक उप जिला अधिकारी को पत्र लिखकर आवास हेतु जमीन उपलब्ध कराने की मांग कर चुके हैं। सुरक्षा की दृष्टि से क्षेत्राधिकारी के लिए किराए का कमरा सुरक्षित नहीं माना जाता है, वही मजबूरन सरकारी आवास ना होने से किराए के कमरों में निवास करना पड़ रहा है। जबकि कई दशक से यहां क्षेत्राधिकारी तैनात रहते हैं लेकिन किसी भी सरकार द्वारा क्षेत्रधिकारी के आवास पर कभी विचार नहीं किया गया। सबसे मजे की बात तो यह है जो तहसील के आला अधिकारी हैं उनके पास भी सरकारी आवास नहीं है वह भी लेखपालों के लिए बने आवास के पास ही रहते है।चर्चा है कि तालाब की जमीन पर आवास बना हुआ हैं। अब सवाल उठता है कि जब यहां के उप जिलाधिकारी खुद ही दूसरे के कमरों में रहने को मजबूर हैं तो यह दूसरे को आवासीय जमीन कैसे उपलब्ध कराएंगे। जानकारी के अनुसार कई बार उप जिलाधिकारी और क्षेत्राधिकारी के आवास के लिए जमीन की तलाशी की गई परंतु वह भी ठंडे बस्ते में चली गई है अब ऐसे में माना जा सकता है कि जब तहसील के आलाधिकारी व क्षेत्राधिकारी ही सुरक्षित स्थान पर नहीं है तो अन्य लोगों को कैसे सुरक्षा मुहैया उपलब्ध हो पाएगी।