अंबेडकर नगर। स्वास्थ्य मंत्री भले ही औचक निरीक्षण करके स्वास्थ्य विभाग को पटरी पर लाने की बात करते रहे हो, लेकिन हकीकत कुछ और है। चिकित्सक अपनी मनमानी रवैये से बाज नहीं रहे हैं। मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कटहरी से जुड़ा हुआ है। चिकित्सालय के अंदर घुसते ही मरीजों वा उनके परिजनों की समस्याएं शुरू हो जाती हैं। जननी सुरक्षा योजना अंतर्गत गर्भवती महिलाएं अपनी जांच रिपोर्ट व जांच करवाने के लिए महिला चिकित्सक को दिखाने के लिए आई हुई थीं। कुछ गर्भवती महिलाऐं जब स्त्री रोग विशेषज्ञ के कमरा नंबर 10 में एक बजे पहुंची तो महिला रोग विशेषज्ञ का कुर्सी खाली था, उनकी जगह पर प्रशिक्षण के लिए आई कुछ छात्राओं द्वारा गर्भवती महिलाओं का इलाज डॉक्टर साहिबा से फोन के माध्यम से किया जा रहा था। जब एक महिला ने पूछा की आखिर जो यहां महिला चिकित्सक बैठती हैं वह नहीं है उन्हीं को हमें रिपोर्ट दिखाना है आप लोग क्या समझ पाएंगे तो उपस्थित छात्राओं ने कहा कि डॉक्टर अभी उठकर गए हैं इसके पहले बैठी ही हुई थी। सवाल यह उठता है की आखिर एक बजे के पहले ही ओपीडी छोड़कर क्यों चली गई। गर्भवती महिलाओं ने बताया कि यहां पर इसी तरह चक्कर लगाना पड़ता है। लोगो का कहना है कि यदि इसी तरह इलाज किया जाता रहा तो कभी किसी के साथ अनहोनी हो सकती है। इस संबंध में जब प्रभारी चिकित्सा अधिकारी से संपर्क किया गया तो उनका फोन नहीं उठा।