Friday, April 18, 2025
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तीन सौ वर्षो से दीपोत्सव की आभा से  आलोकित होता आ रहा है प्रभुराम के पिता दशरथ की समाधि स्थल 


@ बिपिन सिंह


पूराबाजार, अयोध्या । सूर्यवंशी भगवान  श्रीराम की नगरी अयोध्या धाम में भव्य  दीपोत्सव का विश्व कीर्तिमान बनाने के साथ साथ यहाँ से करीब 12 किलोमीटर पूरब स्थित उनके पिता चक्रवर्ती सम्राट महाराजा दशरथ की त्रेतायुगीन श्वेत संगमरमर से निर्मित समाधि स्थल व गर्भगृह में स्थापित कुलगुरु वशिष्ठ , महाराज दशरथ , भरत , शत्रुघ्न की प्रतिमा है, जहाँ पर जनश्रुति के अनुसार बीते करीब तीन वर्षों से अधिक समय से दीपावली के दिन सैकड़ों दीप जला कर प्रकाश उत्सव मनाया जाता आ रहा है । यह पौराणिक समाधि स्थल सूर्यवंश क्षत्रिय समाज की सबसे प्रतिष्ठित पीठ मानी जाती है I

पं० महंत दिलीप दास महाराज

इस दुर्लभ समाधि स्थल व मंदिर के वर्तमान गद्दीनशीन पं० महंत दिलीप दास महाराज स्मरण करते हुए बताते हैं कि उनके पूर्ववर्ती महंत महाराज ये परंपरा निभाते आए हैं ,और इधर पिछले सात  वर्षों से महामहिम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विशेष लगाव के चलते दीपोत्सव का कार्यक्रम यहाँ कई गुना बढ़ गया है I  महत्वपूर्ण बात यह है कि यहां दीपावली से लेकरके कुल पाँच दिवसीय प्रकाश पर्व का आयोजन होता है ।

उल्लेखनीय है कि अयोध्या सूर्यवंशी क्षत्रिय राजाओं की राजधानी रही है ,इसी परंपरा के अनुपालन में पौराणिक विल्वहरिघाट स्थित समाधिस्थल व मंदिर पर भी सैकड़ों वर्षों से 115 गाँव के सूर्यवंशी क्षत्रियों (रामवंशजों ) द्वारा पूजन-अर्चन व समय समय  पर यहाँ विविध आयोजन किया जाता आ रहा है l महंत दिलीप दास बताते हैं कि यहाँ उनकी जानकारी में स्मृति शेष महंत जानकी दास , राम हरक दास , राम दास , जयंत्रीदास व स्वंय पं० दिलीप दास  गद्दीनशीन रहे हैं I वर्तमान में महंत दिलीप दास के उत्तराधिकारी  महंत संदीपदास गद्दीनशीन हैं I

बाबू गुरु प्रसाद सिंह

इसी प्रकार  सूर्यवंशी क्षत्रियों  द्वारा समाधि स्थल व मंदिर के संरक्षण और विकास के लिए जो काम किए जाते रहे हैं उनके बारे में चौदह कोसीय सूर्यवंश क्षत्रिय समाज के अयोध्या धाम के मुखिया बाबू गुरु प्रसाद सिंह बताते हैं कि पूर्व में जिन लोगों का सराहनीय योगदान रहा है उनमें हित्तू सिंह , जगदत्त सिंह , साधूसिंह , त्रिलोकी सिंह , गुरुप्रसाद  सिंह, हरिनाम सिंह , कृष्णकुमार सिंह , अंशुमान सिंह आदि इस  परंपरा को आगो बढ़ाया । श्वेत संगमरमर से पूर्व सन् 1975 से पहले यह दशरथ समाधि स्थल चूना, सुर्खी और पानी के मिश्रण से तैयार गारे से  बनाया गया था I

अभय सिंह
विधायक

 विधायक अभय सिंह ने बताया कि रामायण कालीन इस पवित्र दशरथ समाधि स्थल पर अयोध्या में 22जनवरी 2024 को प्राण-प्रतिष्ठा  के ऐतिहासिक अवसर पर  देश -दुनिया के कोने-कोने  से  हजारों -हजार की संख्या में  राम भक्त श्रद्धालुओं ने यहाँ आ कर  शीष नवां कर माथा टेक कर पूजन के साथ परिक्रमा भी किया I उन्होनें बताया कि इस समृद्धशाली बहुमूल्य विरासत को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ  का संरक्षण प्राप्त हो गया है I जिसके चलते सूर्यवंशियों के अत्यंत प्रतिष्ठित पीठ दशरथ समाधि स्थल का कायाकल्प हो गया है I

शिवेन्द्र सिंह जिलाध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख संघ

वर्तमान समय में यहां की दीपोत्सव परंपरा अत्यंत ही मनमोहक हो गई हैI यहाँ के पांच दिवसीय भव्य दीपोत्सव को यादगार बनाने के लिए ब्लाक प्रमुख संघ के जिलाध्यक्ष शिवेन्द्र सिंह पूर्व की भाँति अपने सैकड़ों साथियों के साथ दीपोत्सव के सप्ताह भर पूर्व से ही समाधि स्थल की रंगाई, सफाई , पुताई  कर उसे सप्त नदियों के पवित्र जल से धुलाई कर दो दिन बाद यहाँ दीपक बिछाने का कार्य शुरु हो जाएगा I यहाँ का दीपोत्सक देखते ही बनता है I यहाँ रामवंशज  51हजार दीपक जलाते हैं ,इस बार इसमें 11हजार दीपक देशी गाय के घी से जलेगा I यहाँ इसके अतिरिक्त जिला प्रशासन भी अपने तरफ से मंदिर परिसर में 2017 से  दीपोत्सव पर  दीपक जलवाते आ रहा है ।


” कई पीढ़ियों से राम वंशजों को  साल भर से इंतजार रहता है इस प्रकाश पर्व का :  


न्यायमूर्ति देवीप्रसाद सिंह , राजेन्द्र सिंह, जगजीवन सींह , राम बक्श सिंह , अवध बिहारी सिंह, भगवान बक्श सिंह , जंग बहादुर सिंह , शीतला सिंह , भगत सिंह , नरेन्द्र सिंह , अनिल सिंह , प्रधानाचार्य  डॉ० अमित सिंह सोनू तथा अभिनव सिंह पिन्टू ने बताया कि हमारी कई पीढ़ियां समाधि  स्थल पर प्रकाश उत्सव मनाते आ रहे हैं और इस ऐतिहासिक घड़ी का वर्ष भर इंतजार रहता है I”

Ayodhya Samachar

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