मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार ने मण्डलायुक्त सभागार में किया अधिकारियों के साथ बैठक
अयोध्या। राष्ट्रीय शिक्षा नीति किसी व्यक्ति या केवल सरकार की नही यह राष्ट्र की मूल शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए सभी से सहयोग एवं उनके क्षमताओं को विकास देने वाली हो इसलिए शिक्षा विभाग के अधिकारी पूरे राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अध्ययन करें और अध्ययन के उपरांत उसका मनन और चिन्तन कर स्थानीय स्तर पर इसको किस प्रकार से बेहतर ढंग से लागू करेंगे इसके लिए कार्यवाही करें। उक्त बातें मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार प्रो डीपी सिंह ने कही। वह मण्डलायुक्त सभागार में मण्डल के बेसिक, माध्यमिक, उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा, कौशल विकास आदि से जुड़े शिक्षा विभाग के मण्डलीय, जनपदीय एवं क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
विभागीय स्तर पर प्रो0 सिंह ने बेहतर समन्वय बनाने के लिए जिलाधिकारी एवं मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में विभिन्न शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों के लिए एक समिति बनाने का भी सुझाव दिया जो शासन स्तर पर विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के प्रति संकल्पबद्वता उनके द्वारा समय समय पर विभिन्न विभागों के साथ समीक्षा की जाती है जिससे कि इसको और बेहतर ढंग से क्रियान्वयन किया जा सके आम जनमानस को लाभान्वित किया जा सकें। शिक्षा के अलावा खेलकूद तथा पर्यावरण के प्रति जागरूकता एक्स्ट्राकरिकूलर एक्टिविटी बढ़ाने पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य शिक्षार्थी को इमोशनल इंटेलिजेंट बनाना है जिससे किसी भी क्षेत्र में चाहे वह प्रशासन हो चाहे वह बिजनेस हो व्यापार हो या शिक्षा हो उस क्षेत्र में वहां के नियम और कानून को लागू करने के साथ-साथ व्यावहारिक स्तर पर उसके उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए उसमें भावनाओं को सम्मिलित किया जा सके ताकि बुद्धिमत्ता के साथ भावनाओं का बेहतर ताल मिले स्थापित करके किसी भी परिस्थिति में सर्वोत्तम निर्णय लिया जाना संभव हो सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत विशिष्टता के साथ समता पर भी बल दिया गया ताकि विशिष्ट प्रकार के योग्यता को विकसित करने के साथ-साथ उसको समान रूप से सभी के लिए सुगम बनाया जाना संभव हो सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत संख्या के साथ गुणवत्ता पर बल दिया गया ताकि न केवल सभी को शिक्षा की व्यवस्था में सम्मिलित किया जा सके बल्कि शिक्षा के विभिन्न उद्देश्यों के अंतर्गत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा दिया जा सके और वह व्यक्ति अपना सर्वागीण विकास करते हुए क्षेत्र, समाज और राष्ट्र के निर्माण में योगदान दे सके। शिक्षा नीति में दृढ़ता के साथ लचीलेपन पर भी बोल दिया गया ताकि कोई भी व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में काम करते समय वहां के मूल्य और मानकों को लागू करने के साथ-साथ शिक्षा प्राप्त करने के विभिन्न आयामों में चयन को भी अपना सके और उनमें अपने लिए बेहतर माध्यमों का चयन कर सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का एक उद्देश्य यह भी है कि 2040 तक शिक्षा की ऐसे ढांचे को, एक ऐसी संस्कृति को, एक ऐसे परिवेश को विकसित करने पर जो बल दिया जाना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार के सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि का शिक्षार्थी शिक्षा को ग्रहण कर सके। इस बैठक में बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा आदि के अधिकारियों द्वारा विभागीय प्रस्तुतीकरण भी किया गया।
बैठक में प्रो वीपी सिंह, अपर आयुक्त प्रशासन अजयकान्त सैनी, संयुक्त निदेशक शिक्षा सतीश सिंह, प्राचार्य साकेत महाविद्यालय प्रो अभय कुमार सिंह, उपनिदेशक सूचना डा मुरलीधर सिंह आदि मण्डल के एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी द्वारा स्वागत किया तथा उन्हें अयोध्या के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी गयी। इस बैठक में शिक्षा विभाग के मण्डलीय और अयोध्या मण्डल के विभिन्न जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, उच्च शिक्षा अधिकारी तथा लोहिया विवि के रजिस्टार एवं अन्य शिक्षाविद् उपस्थित थे तथा साकेत महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो0 अभय कुमार सिंह, सहायक निदेशक बेसिक शिक्षा, उपनिदेशक माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा अधिकारी आदि मौजूद रहे।