पूरा बाजार, अयोध्या। सप्ताह भर से शान्तीपुर में समाज सेवी अमरजीत सिंह काका के संयोजन में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव के अंतिम दिवस पर भगवान श्री कृष्ण – रुकमणी विवाह तथा सुदामा चरित्र का वर्णन हुआ I इस दौरान भागवत प्रेमी स्त्री -पुरुष व छात्र छात्राओं ने भजनों पर मुदित होकर थिरकते दिखाई दिए ।
अयोध्या धाम के हनुमानगढ़ी से पधारे भागवत मर्मज्ञ पं० कृष्ण दास महाराज ने व्यास पीठ से कथामृत की वर्षा करते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण से प्रेम करते हुए रुक्मणी ने उनको अपना पति मान लिया था , जिसके बाद उन्होंने भगवान श्री कृष्ण से विवाह कर लिया ।
कथा व्यास पं. कृष्ण दास ने श्री कृष्ण और सुदामा के मित्रता का वर्णन करते हुए बताया कि यह दोनों मित्र संदीपन मुनि आश्रम में मिले थे । जहाँ से विद्या प्राप्त करने के बाद भगवान श्री कृष्ण राक्षसों को संहार करते हुए द्वारकापुरी में बस गए । वहीं सुदामा निर्धनता में जीवन काट रहे थे । एक दिन सुदामा की पत्नी ने उनको श्री कृष्ण के पास भेजा । जहाँ भगवान ने उनको दो मुटठी चावल के बदले दो लोक दे डाला ।
कृष्ण- सुदामा चरित्र के मार्मिक वर्णन के दौरान श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा की । इस भागवत कथा में सूर्यवंश क्षत्रिय समाज के मुखिया भगवान बक्श सिंह , गुरु प्रसाद सिंह , राजेन्द्र सिंह , जंग बहादुर सिंह , नरेन्द्र सिंह , अनिल कुमार सिंह , मीडिया प्रभारी बिपिन सिंह , शिक्षक नेता अजय कुमार सिंह , शैलेन्द्र सिंह एवं राघवेन्द्र सिंह सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं ने कथामृत का पान किया ।