अयोध्या। जिलाधिकारी नितीश कुमार ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित चिकित्सा विभाग एवं सम्बंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि 01 जुलाई से 31 जुलाई तक संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान को सफल बनायें। उन्होंने कहा कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं दस्तक अभियान के द्वितीय चरण की गतिविधियां विस्तृत कार्ययोजना बनाकर माह जुलाई में संपादित की जायेगी। उन्होंने सम्बंधित अधिकारियों से कहा कि 01 जुलाई से अभियान को प्रारम्भ किया जाए तथा समस्त सरकारी कार्यालयों में विभागाध्यक्ष, विद्यालयों में अध्यापक, नगरीय निकायों में कार्यकारी अधिकारी तथा ग्राम स्तर पर ग्राम विकास अधिकारी द्वारा पर्यावरणीय तथा व्यक्तिगत स्वच्छता एवं रोगों से बचाव हेतु सभी आवश्यक उपाय अपनाने हेतु जागरुक करे।
उन्होंने बताया कि दिमागी बुखार एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों, जल जनित रोगों, क्षय रोग, कुष्ठ रोग, फाइलेरिया एवं काला अजार रोगों के सम्बन्ध में व्यापक जन-जागरूकता हेतु 17 जुलाई से 31 जुलाई 2023 के मध्य दस्तक अभियान आयोजित किया जा रहा है, जिसमें प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर इन बीमारियों के बचाव तथा उपचार के सम्बन्ध में विभिन्न जानकारी देंगे। दस्तक एक व्यापक स्वास्थ्य शिक्षा, जागरूकता तथा सामाजिक एवं व्यवहार परिवर्तन संचार रणनीति है, जो लोगों को बचाव और सही समय पर उपचार के संदेश पहुंचा कर उन्हें दिमागी बुखार की समस्या को निपटाने के लिये प्रेरित करेगी। दस्तक का शाब्दिक अर्थ है दरवाजा खटखटाना। इस अभियान के जरिये स्वास्थ्य शिक्षा एवं व्यवहार परिवर्तन के संदेश गाँव के हर एक घर और परिवार तक पहुंचाने का लक्ष्य है। आशा तथा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा गृह भ्रमण कर यह जानकारी देनी है कि रोगों से बचाव हेतु क्या करना है, क्या नहीं करना है ताकि जनमानस समय रहते सही उपाय अपनाने के लिये जागरूक बने अभियान को प्रभावी बनाने में क्षेत्रीय कार्यकर्ता जैसे आशा, आंगनबाडी, ए०एन०एम०, स्कूल शिक्षक और ग्राम प्रधान/ग्राम विकास अधिकारी की अहम भूमिका है। इस अभियान में बुखार के रोगियों का निकटवर्ती सरकारी अस्पताल में त्वरित तथा सही उपचार कराए जाने पर विशेष बल दिया जाना है। आशा कार्यकत्रियों की इस अभियान में सहभागिता सुनिश्चितीकरण तथा उनके द्वारा किये गये कार्यों का न्यूनतम 10 प्रतिशत सत्यापन जनपद स्तर पर डी०सी०पी०एन० तथा ब्लाक स्तर पर बी०सी०पी०एम० का उत्तरदायित्व होगा। दिमागी बुखार एवं अन्य संक्रामक रोगों सम्बन्धित जागरूकता बढ़ाने और बचाव और उपचार संदेश के प्रसार में आशा की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। वह समुदाय को संवेदकृत करने और दिमागी बुखार एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों, जल जनित रोगों, क्षय रोग, कुष्ठ रोग फाइलेरिया एवं काला अजार रोगों से बचाव के लिये बेहतर व्यवहारों को अपनाने के लिये प्रेरित करेगी। उन्होंने बताया कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्रों में साफ सफाई एवं जलभराव निस्तारण की व्यवस्था पर ध्यान दिया जाएगा। विद्यालयों में रोगों से बचाव तथा रोकथाम के लिए जागरूकता से संबंधित गतिविधियां होंगी। साथ ही मच्छर, चूहे, छछूंदर इत्यादि पर नियंत्रण को लेकर गतिविधियां संचालित होंगी। इसके अलावा पशु बाड़ों एवं सूकर बाड़ों को आबादी से दूर स्थापित करना तथा साफ सफाई की व्यवस्था को लेकर लोगों को जागरूक किया जाएगा।