अयोध्या। युद्ध-मनोदशा के प्रति नागरिक-अंतर्दृस्टि में अभिवृद्धि व कौशल संचार की रोल मॉडलिंग के लिये 7 मई को देश के विभिन्न हिस्सों में हवाई हमले के सायरन बजेंगे। इस आभासी जंगी अभ्यास में संयम व सतर्कता के साथ स्वस्थ व सम्यक मनोदशा का मुख्य योगदान है।
जंग की स्थिति मन में स्ट्रेस-हार्मोन कोर्टिसाल व एड्रेनलिन का संचार करती है जिससे फाइट,फ्लाइट या फ्रीज की मनोदशा बनने की सम्भावना होती है। सकारात्मक-आत्मबल के लोगों में आपदा से लड़ने का जज्बा रहता है जिसे फाइट मेंटल-मोड कहा जाता है। चिंतालु व्यक्तित्व के लोगों मे खतरे की स्थिति मे पलायनवादी मनोदशा हावी हो सकती है जिसे फ्लाइट मेंटल-मोड कहा जाता है। इन्ही में से कुछ लोग खतरे की आहट से शून्य की मनोदशा में जा सकते हैं जिसे फ्रीज़ मेंटल-मोड कहा जाता है।
