◆ सीएचसी गेट पर शिशु जन्म लेने के मामले में अधीक्षक हटाए गए
◆ अधीक्षक से छिना प्रभार, संविदा स्टाफ नर्स का सीएससी से हुआ स्थानांतरण
◆ प्रसूता के अस्पताल गेट पर नवजात शिशु को जन्म देने के मामले का सीएमओ ने लिया संज्ञान
मिल्कीपुर, अयोध्या। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मिल्कीपुर पर स्वास्थ्य कर्मियों की बड़ी लापरवाही के चलते प्रसूता को अस्पताल गेट पर ही नवजात शिशु को जन्म देने के मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी अयोध्या के नाराजगी की गाज सीएचसी अधीक्षक पर गिरी है। सीएमओ ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मिल्कीपुर के अधीक्षक डॉ प्रदीप कुमार को उनके पद से हटाते हुए उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सराय धनेठी पर चिकित्सा अधिकारी पद पर स्थानांतरित कर दिया है। इसके साथ ही कार्यों में लापरवाही करने वाली बेअंदाज संविदा कर्मी स्टाफ नर्स रेशू सिंह को भी अस्पताल से हटाते हुए उसका स्थानांतरण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुनवा रुदौली के लिए कर दिया है। बताते चलें कि मिल्कीपुर ब्लाक क्षेत्र अंतर्गत उछाह पाली गांव निवासी विमलेश पत्नी राकेश कुमार को बृहस्पतिवार को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे लेकर दिन में करीब 2:00 बजे सीएचसी मिल्कीपुर पहुंचे थे। तब से प्रसूता का इलाज करना तो दूर संविदा स्टाफ नर्स द्वारा उसे हाथ तक नहीं लगाया गया। शाम लगभग 6 बजे जब प्रसूता विमलेश की तबीयत बिगड़ने लगी तो आनन-फानन में संविदा स्टाफ नर्स रिशु सिंह द्वारा रेफर कागज प्रसूता को थमाने के बाद उसे अस्पताल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। प्रसूता विमलेश अस्पताल से निकल कर गेट पर पहुंची तभी उसने जमीन पर खुले में नवजात शिशु को जन्म दे दिया। वाकया देख स्थानीय लोगों द्वारा विरोध किया गया, तो संविदा स्टाफ नर्स ने दाई व अन्य कर्मियों को भेजकर जच्चा-बच्चा दोनों को डिलीवरी रूम में लाया गया। अयोध्या समाचार द्वारा उक्त मामले को प्रमुखता से उजागर किए जाने के बाद सीएमओ डॉ संजय जैन द्वारा मामले का संज्ञान लिया गया और उन्होंने प्रकरण में दोषी संविदा स्टाफ नर्स रिशु सिंह को अस्पताल से हटाने का आदेश दे दिया जबकि सीएचसी अधीक्षक डॉ प्रदीप कुमार से उनका अधीक्षक पद छीन लिया। सीएमओ श्री जैन ने तात्कालिक एवं वैकल्पिक व्यवस्था के तहत डॉ पंकज कुमार श्रीवास्तव प्रभारी चिकित्सा अधिकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सराय धनेठी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मिल्कीपुर में अधीक्षक पद पर तैनाती के आदेश दे दिया है। वहीं क्षेत्र में संविदा स्टाफ नर्स को हटाए जाने की जानकारी मिलते ही लोगों में खुशी का माहौल छा गया है। क्षेत्रवासी लोगों का कहना है कि उक्त स्टाफ नर्स अत्यंत बे-अंदाज एवं झगड़ालू प्रवृत्ति की थी।