अयोध्या। सावन मास के मध्य अधिमास या मलमास पड़ने कारण सावन मास दो महीनों के बराबर होगा। जिस कारण इस वर्ष सावन में कुल 8 आठ सोमवार पड़ रहे हैं। अधिमास पड़ जाने के कारण इस दौरान सभी मांगलिक कार्य निषिद्ध होते है। मलमास में भगवान विष्णु को सर्मपित होता है। इस दौरान भगवान विष्णु की उपासना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
कब लग रहा है मलमास
ज्योतिषीय गणना के अनुसार 18 जुलाई को मलमास का आरंभ हो गया। तथा इस समापन 16 अगस्त को होगा। मलमास हर तीन वर्ष बाद आता है।
कब से कब तक है सावन
सावन मास 4 जुलाई से प्रारम्भ होकर 31 अगस्त को समाप्त हो रहा है। मलमास के कारण इस बार सावन महीने में 8 सोमवार 9, 16, 23, 30 जुलाई व 6,13,20,27 अगस्त को सोमवार पड रहा है।
क्या है मलमास
ज्योतिष विधान के अनुसार 3 वर्षों में एक बार मलमास पड़ता है। इसे अधिमास व पुरूषोत्तम मास भी कहते है। ज्योतिषीय गणना पर सूर्य 12 राशियों में अपना स्थान बदलते है। उसे सूर्य संक्रांति कहते है। जिस चंद्र मास में सूर्य संक्राति नही होती है। उसे मलमास कहा जाता है। इस वर्ष मलमास होने के कारण हिन्दु पंचाग के अनुसार वर्ष में 12 के स्थान पर 13 माह होंगे।
मलमास में शुभ व अशुभ
मलमास भगवान विष्णु को सर्मपित होता है। लेकिन इस मास में मांगलिक कार्यक्रम जैस विवाह, मुण्डन, गृह प्रवेश, आदि वर्जित होते है। इसके साथ ही इस माह में दान -पुण्य, तीर्थयात्रा, पूजन कार्य के लिए यह माह शुभ माना गया है। इस माह में भगवान विष्णु की उपासना से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
इस बार सावन में पड़़ेगे 8 सोमवार
मलमास लगने के कारण इस बार सावन मास 4 जुलाई से प्रराम्भ होकर 31 अगस्त रहेगा। सावन के माह में देश के विभिन्न शिवालयों में कावरियों तथा श्रृद्धालुओं के द्वारा भोलेनाथ का अभिषेक किया जाता है। इस वर्ष सावन मास में 8 सोमवार पड़ने से भक्त भोलेनाथ की अधिक कृपा प्राप्त कर सकेंगे।