◆ बाल-यौनशोषण का होता है व्यक्तित्व पर असर
अयोध्या। जिला चिकित्सालय के मनोचिकित्सक डा आलोक मनदर्शन ने “बाल-यातना के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस“ 4-जून की पूर्व संध्या पर बताया कि बच्चो से लाड-प्यार स्वस्थ मनोक्रिया है,पर कुछ लोग प्यार-दुलार के बहाने मासूम यौन-शोषण से आनंदित होते हैं। यह रुग्ण-मनोवृत्ति पीडोफिलिया तथा ऐसे लोग पीडोफिलिक कहलाते है।
