बीकापुर, अयोध्या। गर्भवती महिलाओं और बच्चों के पोषण की जिम्मेदारी संभालने वाले बाल पुष्टाहार परियोजना विभाग बीकापुर खुद अव्यवस्था का शिकार है। बीकापुर मुख्यालय पर प्रयागराज हाईवे के किनारे संचालित बाल विकास परियोजना अधिकारी का कार्यालय कई दशक पूर्व स्थापित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निष्प्रयोज्य पुराने जर्जर भवन में संचालित हो रहा है। जगह कम होने से काफी सकरा है जहां आंगनबाड़ी केंद्र की सुपरवाइजर, अधिकारियों को बैठाने में काफी दिक्कत होती है। बरसात के महीने में भवन के कमरे में छत से पानी टपकता रहता है। और फर्श पर सीलन और पानी हो जाता है। भवन जर्जर होने से बच्चों और गर्भवती महिलाओं को वितरित करने के लिए आने वाले पुष्टाहार को रखने की समस्या पैदा होती है। इसके अलावा भवन की चहरदीवारी से सटाकर दुकानदारों द्वारा गुमटी और सब्जी, फल की दुकाने रखकर अतिक्रमण किया गया है। जिससे समस्या पैदा होती है। विकासखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में कुल 184 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है। जिसमें 154 मुख्य आंगनबाड़ी केंद्र तथा 30 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र हैं। लेकिन अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्रों के पास अपना खुद का भवन नहीं है। अभी तक सिर्फ 28 आंगनवाड़ी केंद्रों के भवन का निर्माण पूरा हो सका है जिनके पास अपना खुद का भवन है। जबकि अभी तक 156 आंगनबाड़ी केन्द्रो के पास अपना खुद का भवन नहीं है। यह आंगनबाड़ी केंद्र परिषदीय स्कूलों के बरामदा, अतिरिक्त कक्ष अथवा पंचायत भवन में संचालित किया जा रहे हैं। तीन आंगनबाड़ी केंद्र के भवन निर्माणाधीन है और 20 आंगनबाड़ी केदो के भवन का निर्माण विकासखंड द्वारा प्रस्तावित है। बजट आने पर निर्माण कार्य शुरू होगा। 133 आंगनबाड़ी केदो के भवन के निर्माण का अभी कोई प्रस्ताव नहीं हुआ है। विकासखंड क्षेत्र में 163 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के अलावा 30 मिनी आंगनवाड़ी कार्यकत्री एवं सभी जगह आंगनबाड़ी सहायिका की तैनाती हुई है।
बाल विकास परियोजना अधिकारी राजेश कुमार गुप्त ने बताया कि बाल परियोजना अधिकारी कार्यालय के नए भवन का प्रस्ताव होने के बाद विकासखंड परिसर में नया भवन निर्माणाधीन है। लेकिन पिछले 3 महीने से ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य बंद कर दिया गया है। नए भवन का निर्माण समय पर पूर्ण होने से मजबूरी बस अस्पताल के पुराने जर्जर भवन में ही कार्यालय का संचालन किया जा रहा है। ब्लॉक क्षेत्र में संचालित 156 आंगनबाड़ी केदो के पास अपना खुद का भवन न होने से आंगनबाड़ी केंद्र परिषदीय विद्यालय के अतिरिक्त कक्ष बरामदा और पंचायत भवन में संचालित किए जा रहे हैं। खंड विकास अधिकारी से ग्राम पंचायतों में प्रस्ताव करके आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कराए जाने की मांग की गई है।