◆ पुत्रेष्टि यज्ञ से लेकर प्रभु के राजतिलक तक की कथाओं का हुआ प्रदर्शन
अयोध्या। दीपोत्सव के आयोजन को लेकर रामनगरी का उल्लास शिखर पर है। दीपोत्सव में सुबह साकेत महाविद्यालय से राम कथा पार्क तक निकाली गई 18 विशेष झांकियां आयोजन का मुख्य आकर्षण रहीं।
झांकियां को संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, मेयर गिरीश पति त्रिपाठी ने झंडी दिखाकर रवाना किया। झांकियों में भगवान श्री राम के जीवन के विभिन्न प्रसंगों को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया। झांकियों को देख श्रद्धालु राम भक्ति में लीन दिखे। झांकियों के दृश्य को हर कोई निहारता रहा। इस छण को अपने मोबाइल में कैद करने की आतुरता दिखी। रामपथ पर रंग गुलाल उड़ने के साथ जमकर आतिशबाजी भी हुई।
पुत्रेष्टि यज्ञ से राजतिलक तक का दर्शन
भव्य शोभायात्रा में साकेत महाविद्यालय के छात्रों ने पुत्रेष्टि यज्ञ से लेकर श्रीराम के राजतिलक तक के विभिन्न प्रसंगों को बड़े ही सुंदर ढंग से झांकियों के रूप में प्रस्तुत किया है। इन झांकियों में न केवल श्रीराम के जीवन के महत्वपूर्ण अध्यायों का दर्शन कराया जा रहा है, बल्कि इनमें शामिल कलाकारों के अभिनय ने दृश्य को और भी जीवंत बना दिया है। झांकियों के बीच-बीच में लोक कलाकार अपने अभिनय से कथा को दर्शकों के सामने पेश कर रहे हैं, जिससे दर्शकों का अनुभव और भी खास हो रहा है।
झांकियों का यह सफर साकेत महाविद्यालय से शुरू होकर अयोध्या के प्रमुख चौराहों से गुजरते हुए दोपहर दो बजे तक राम कथा पार्क पहुंचा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इनका स्वागत किया। सीएम योगी प्रभु श्रीराम, माता सीता और भइया लक्ष्मण के स्वरूपों का अयोध्या आगमन पर उनका अभिनंदन किया।
सूचना और पर्यटन विभाग की झांकियां
अयोध्या के इस महोत्सव में साकेत महाविद्यालय की 18 झांकियों में से 11 झांकियां सूचना विभाग की ओर से और 7 झांकियां पर्यटन विभाग द्वारा तैयार की गई हैं। पर्यटन विभाग द्वारा सजाई गई झांकियों में तुलसीदास रचित रामचरितमानस के सात अध्यायों- बालकांड, अयोध्या कांड, अरण्य कांड, किष्किंधा कांड, सुंदर कांड, लंका कांड और उत्तर कांड पर आधारित सुंदर दृश्य प्रस्तुत किए गए हैं, जो श्रद्धालुओं को रामायण के विभिन्न प्रसंगों का सार समझाने में सहायक हैं।
विशेष झांकियांः श्रीराम की शिक्षा से लेकर रावण वध तक
इस आठवें दीपोत्सव में श्रीराम की शिक्षा, सीता-राम विवाह, वन गमन, भरत मिलाप, शबरी प्रसंग, अशोक वाटिका, हनुमान का लंका गमन, शक्तिबाण लगने से लक्ष्मण का मूर्छित होना, रावण वध, अयोध्या आगमन और दीपोत्सव पर आधारित झांकियों का विशेष प्रदर्शन किया गया।