◆ तीन कलश तिवारी मंदिर के तत्वाधान में चल रही सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन भक्तों ने किया कथा का रसपान
अयोध्या। रामनगरी के नयाघाट स्थित श्रीरामकथा पार्क में तीन कलश तिवारी मंदिर के तत्वाधान में चल रही सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में द्वितीय दिवस कथाव्यास जगतगुरु रामानुजाचार्य डॉ. स्वामी राघवाचार्य महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत भगवान कृष्ण के साक्षात विग्रह रूप में विराजमान है। जगत सत्य है जगत को लोग झूठ कहते-कहते थक गए। लेकिन जगत सत्य ही है। विभिन्न विद्वानों ने वेदांत की अलग-अलग व्याख्या किया है। वेदांत की व्याख्या क्या है। तो सभी ने कहा कि श्रीमद् भागवत वेदांत की व्याख्या है। सबको प्रेरणा देने वाले भगवान कृष्ण है। कथा का विस्तार करते हुए कथाव्यास ने कहा कि भागवत भगवान का अक्षरावतार है। वक्ता का चरित्र स्वच्छ और श्रोता को भगवान के प्रति समर्पित होना चाहिए। वक्ता प्रेरणा का पुंज है। भगवान जीव का उद्धार करते हैं। आप सभी पर ठाकुर जी की कृपा है, जिसकी वजह से आप सब अवध धाम में कथा का आनंद ले रहे है। श्रीमद भगवत कथा का रसपान कर पा रहें हैं। क्योंकि जिन्हें गोविन्द प्रदान करते हैं जितना प्रदान करते हैं उसे उतना ही मिलता है। अगर आप भागवत कथा सुनकर कुछ पाना व सीखना चाहते हैं तो कथा में प्यासे बन कर आए। कुछ सीखने के उद्देश्य एवं पाने के उद्देश्य से आएं। तो ये भागवत कथा जरूर आपको कुछ नहीं बल्कि बहुत कुछ देगी। कथा शुभारंभ के पहले पंडित शिवेश्वरपति त्रिपाठी, पंडित श्रीशपति त्रिपाठी और महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने व्यासपीठ समेत उस पर विराजमान जगतगुरू रामानुजाचार्य स्वामी डॉ. राघवाचार्य महाराज का पूजन अर्चन कर आरती उतारी। अंत में कथा विश्राम पर प्रसाद वितरण हुआ। पधारे हुए अतिथियों का स्वागत रूद्रेश त्रिपाठी द्वारा किया गया।