अयोध्या। नवरात्रोत्सव के साथ मनोरसायनिक बदलाव होने शुरु हो जाते है जिसके सकारात्मक मनोप्रभाव होते हैं। प्रार्थना व व्रत न केवल मनोतनाव पैदा करने वाले मनोरसायन कॉर्टिसाल के स्तर को कम करते है बल्कि हैप्पी हार्मोन सेरोटोनिन व डोपामिन तथा आत्मीयता व आनन्द की अनुभूति वाले हार्मोन एंडोर्फिन व आक्सीटोसिन की मात्रा को बढ़ावा देने मे सहायक होते हैं
