अयोध्या। जिला चिकित्सालय के मनोविश्लेषक डा. आलोक मनदर्शन ने फ्रेंड शिप डे पर बताया कि दोस्तों की संगत से मनोरसायनिक बदलाव होने शुरु हो जाते है जिसके सकारात्मक मनोप्रभाव होते हैं। दोस्तों संग बातचीत व हंसी ठिठोलीं न केवल मनोतनाव पैदा करने वाले मनोरसायन कॉर्टिसाल के स्तर को कम करते है बल्कि हैप्पी हार्मोन सेरोटोनिन व डोपामिन तथा आत्मीयता व आनन्द की अनुभूति वाले हार्मोन एंडोर्फिन व आक्सीटोसिन की मात्रा को बढ़ावा देते हैँ जिससे स्फूर्ति, उमंग, उत्साह ,आनन्द व आत्मविश्वास का संचार होता है। अच्छे दोस्तों से मनोसंयम के लिये ज़िम्मेदार हार्मोन सेरोटोनिन मे वृद्धि होती है जिससे रुग्ण मनोवृत्तियों व व्यसन पर अंकुश लगाने मे मदद मिलती है। दोस्तों संग घूमने फिरने व मनोरंजक गतिविधियों से संवर्धित होने वाला मनोरसायन ऑक्सीटोसिन आत्मीयता व प्यार का संचार करता है। दोस्तों संग मूवी या स्पोर्टिंग गतिविधियों से एंडोर्फिन हार्मोन की वृद्धि से मनोआनंद व उत्साह की मनोदशा परिलक्षित होती है जिसे मनोविश्लेषण की भाषा में फ्रेंडशिप-यूफोरिया या मैत्री मनो-आनन्द कहा जाता है। मित्रों से मन की बात शेयर करने से स्वस्थ्य मनोरक्षा युक्ति का संचार होता है जिससे तनाव अवसाद व चिंता विकार से उबरने में मदद मिलती है । मित्रों संग समय बिताना मेन्टल हेल्थ व हाइजीन के लिये आवश्यक पहलू है, जिससे तेजी से बढ़ रहे अकेलेपन,अवसाद, आत्महत्या व अन्य मनोसामाजिक समस्याओ का प्रबंधन हो सकता है ।मैत्री भाव का अभाव या मैत्री के प्रति नकारात्मक , दृष्टिकोण गंभीर मनोरुग्णता की तरफ ले जा सकता है। इस प्रकार फ्रेंडशिप के इमोशन स्वस्थ मन का भोजन होते है।