Sunday, November 24, 2024
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बसपा के किले को ढ़हने के लिए कभी बसपा के सिपाहसलार रहे विधायक और सांसद ने ही थामी बागडोर

Ayodhya Samachar


बसपा ने भी अपना किला बचाने के लिए झोंकी ताकत


55 लोकसभा सीट अंबेडकर नगर मोस्ट बैकवर्ड एवं मुस्लिम मतदाता होंगे निर्णायक


@ सुभाष गुप्ता


अंम्बेडकर नगर। देश में 18 वीं लोकसभा के गठन हेतु पांच चरणों का चुनाव संपन्न हो चुका हैं। पांच चरणों में अब तक 429 संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर 429 सांसदों की किस्मत को ईवीएम में बंद कर दिया है। अब छठे चरण के चुनाव में पूरे विश्व का केंद्र बिंदु अयोध्या (फैजाबाद) जनपद का कभी हिस्सा रहीं अंबेडकर नगर लोकसभा 55 सीट पर मतदान 25 मई को होना है। इस चुनाव के लिए जहां एक तरफ राजनीतिक दलों के प्रत्याशियो के समर्थन में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रांतीय एवं राष्ट्रीय नेता छोटी बडी रैली व जनसभा के माध्यम से भारी भीड़ जुटा कर अपनी ताक़त का एहसास करा चुके हैं।तो वही चुनाव मे मतदान प्रतिशत को बढ़ाकर रिकॉर्ड बनाने एवं चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष एवं कुशलतापूर्वक संपन्न करने के लिए प्रशासनिक तैयारियां भी अंतिम चरण में है।

आगामी 25 मई शनिवार को होने वाले मतदान के लिए गुरुवार की सांय 5:00 के बाद चुनाव प्रचार भी बंद हो गया है।इस लोकसभा सीट से वैसे तो कुल आठ प्रत्याशी चुनाव मैदान में है।



लेकिन प्रमुख लड़ाई भाजपा प्रत्याशी रितेश पांडे, सपा प्रत्याशी लालजी वर्मा एवं बसपा प्रत्याशी कमर हयात के बीच ही मानी जा रही है। इस सीट पर तीन दशकों के चुनाव की बातें करें तो यह सीट बहुजन समाज पार्टी का किला मानी जाती रही है। जिस पर बसपा सुप्रीमो मायावती के साथ उनकी ही पार्टी के प्रत्याशी सात बार लोकसभा चुनाव जीत कर सांसद रह चुके हैं। और वर्तमान समय में बसपा के टिकट पर चुनाव जीते रितेश पांडे सांसद है।

लेकिन इस बार बहुजन समाज पार्टी के किले को ढ़हने की बागडोर कभी बसपा के सिपहसालार रहे वर्तमान सांसद रितेश पांडे भाजपा के टिकट पर तो बसपा में कद्दावर नेताओं की गिनती में शुमार पूर्व मंत्री एवं वर्तमान समय में सपा से कटेहरी विधायक लाल जी वर्मा सपा के टिकट पर चुनावी रणक्षेत्र डटे हैं। वहीं बसपा भी अपना किला बचाने का दावा डी एम (दलित मुस्लिम) गठजोड़ के सहारे कर रही है। बसपा नेताओं का मानना है कि जनपद में पहले नंबर पर दलित व दूसरे नंबर पर मुस्लिम मतदाता है। जो एक साथ मिलकर भाजपा को हराने के लिए काफी है। तो वही सपा नेताओं के द्वारा पिछली बार भाजपा को मिले कुर्मी मतों में सेंधमारी कर भाजपा को कमजोर करने की गुणा गणित लगाई जा रही है।



और सपा के परंपरागत मतो को जोड़कर जीत का दावा सपाईयों के द्वारा किया जा रहा है।जबकि सपा की गणित का जवाब देते हुए भाजपा नेताओं का दावा है कि कुर्मी मत भाजपा में है।यदि थोड़े बहुत कुर्मी मत कट रहे हैं तो उसकी भरपाई पिछली बार भाजपा से कटकर बसपा में गए ब्राह्मण मतों के पुनः भाजपा में वापसी होने पर हो रही है। हालांकि इस सीट पर प्रमुख लड़ाई भाजपा, सपा, बसपा के बीच ही सिमटी हुई नजर आ रही है।लेकिन चुनाव में खड़े अन्य पांच प्रत्याशी भी अपनी-अपनी जीत का दावा करने में पीछे नहीं है। इस सीट पर जीत दर्ज करने में सबसे ज्यादा निर्णायक भूमिका अति पिछड़े वर्ग एवं मुस्लिम मतदाता ही निभाएंगे। वही जनपद मुख्यालय के  शिव बाबा में गुरुवार को हुई केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा की परंपरागत मतों के साथ अति पिछड़े वर्ग के मतो को पार्टी में सहजने की अपील से यह मतदाता भी उत्साहित है। फिलहाल कल 25 तारीख को इन सभी प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद हो जाएगा। लेकिन इनके जीत के दावो पर मोहर 4 जून को ही लग पाएगी।

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