अयोध्या। अवध विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड आर्थिक संघ के संयुक्त तत्वाधान में मिलेट्सः सतत विकास लक्ष्यों और वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए एक पथ विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी को आयोजन ऑफ एवं ऑनलाइन मोड में किया गया। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रो0 अशोक मित्तल अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड आर्थिक संघ ने कहा कि मिलेट्स (मोटे अनाज)
लोगो के स्वस्थ जीवन का आधार है। आज की अव्यवस्थित दिनचर्या में उपभोग प्रवृत्ति में फास्ट फूड का प्रचलन बढ़ रहा है। जिससे लोगो में विभिन्न प्रकार की बीमारियां पैदा हो रही है। लोग स्वस्थ जीवन से वचिंत हो रहे है। उन्होंने कहा कि हमें अपने जीवन को खुशहाल रखने के लिए मिलेट्स को उपभोग में शामिल करना होगा।
मुख्य वक्ता प्रो0 अनामिका चैधरी, विभागाध्यक्ष, अर्थशास्त्र विभाग, डॉ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने भोजन में मिलेट्स शामिल करना चाहिए। इससे स्वस्थ्य जीवन जी सकते है। यही जीवन का आधार है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो0 हिमांशु शेखर सिंह, संकायाध्यक्ष, वाणिज्य एवं प्रबन्ध संकाय ने बताया कि सतत विकास में खाद्य सुरक्षा के लिए मिलेट्स से सम्बन्धित उत्पादां को बढावा देना होगा। लोगो को पर्याप्त मात्रा में मिलेट्स उपलब्ध हो सके। इसके लिए ग्रामीण स्तर से लेकर केन्द्रीय स्तर तक चरण बद्ध प्रबन्ध करना आवश्यक है। क्योकि एक संगठित प्रंबध व्यवस्था मिलेट्स के उपभोग के लिए लोगो को प्रेरित कर सकती है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि प्रो0 एमसी सती, आचार्य, अर्थशास्त्र विभाग, एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय, उत्तराखण्ड ने बताया कि मिलेट्स रोजगार एवं आय के स्तर को बढा सकती है जिससे लोगो का जीवन स्तर खुशहाल हो सकता है।
संगोष्ठी के संयोजक प्रो0 विनोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इस संगोष्ठी में स्वास्थ्य अर्थशास्त्र के बेहतर प्रबंध के लिए मिलेट्स आधारित विषय का चयन किया गया।
इस अवसर पर डॉ अलका श्रीवास्तव, रीमा सिंह, दीक्षा गुप्ता तथा गैर शैक्षणिक कर्मचारी विजय कुमार शुक्ला, हीरा लाल यादव सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रही।