अयोध्या। राम लला प्राण प्रतिष्ठा से प्रारम्भ रामोत्सव कार्यक्रम में सरयू किनारे पर स्थित भजन संध्या स्थल सैकड़ों श्रद्धालुओं के राम भजन वर्षा में भीग जाने को आतुर हो उठा है। दिव्यांग व दृष्टि बाधित राहुल पाठक ने अपनी प्रस्तुति चदरिया झीनी रे झीनी, रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया, जग में सुन्दर है दो नाम, अमृत है हरिनाम प्रभु का,घर आये मेरे राम स्वागत है भजनों की प्रस्तुति से परिवेश राममय कर दिया। कन्हैया पाण्डेय ने, उन्होंने एक बार जो रघुवर की नजरों का ,बड़ा नीक लागे राघव जी के गौवां, सीताराम सीताराम सीताराम कहिए ,राजा दशरथ जी के घरवा आज जनम ललनवां जैसे समृद्ध भजन गायन के माध्यम से राम जी को अपनी आस्था निवेदित की। इंदू गुप्ता ने अपने ओज पूर्ण भजनों से उपस्थित श्रद्धालुओं को अपने साथ गाने व नृत्य में शामिल कर लिया।
उन्होंने अपनी विशिष्ट गायन शैली में भजन बिना चैन न आवे राम ,सोना सोना मुखड़ा मेरे प्रभु सियापति राम का, अईलेअवध में राम मोर सांवरिया हो, जो कहानी राम की वो कहानी श्याम की, जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है, फूलों में सज रहे हैं देखो अवध बिहारी जैसे भजनों की प्रस्तुति से खूब तालियां बटोरी तो वहीं तुम्हारी याद आती रहे राघव, रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने, सीताराम जी की प्यारी राजधानीलागे,अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे,कनक भवन दरवाजे पड़े रहो,तेरी मर्जी का मैं हूं गुलाम राम आदि प्रमुख भजन पुष्प अर्पित कर प्रभु के श्रृंगार व सुंदर रूप का दर्शन उपस्थित श्रद्धालुओं को कराया।
कार्यक्रम के उपरांत आए कलाकारों श्रीराम दरबार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन विश्व प्रकाश रूपन ने किया।