अंबेडकर नगर । माना कि तुम्हारी उड़ान मुझसे बहुत ऊंची है । हां मगर शोहरत के पायदान पर एहतियात ज़रूरी है ।। चर्चित कवि व मंच संचालक तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु का यह शेर महत्वाकांक्षी लोगों के लिए एक नसीहत है । यूं तो हर शख़्स को कुदरत ने कुछ खास खूबी से नवाज़ा है मगर इसकी पहचान चंद लोगों को हुआ करती है । हम बात कर रहे हैं जनपद अंबेडकर नगर निवासी पेशे से शिक्षक तारकेश्वर मिश्र की । शिक्षक तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु शैक्षिक गतिविधियों के साथ-साथ कविता एवं साहित्य के प्रति समर्पित रहते हैं । उनके अब तक दर्जनों व्यक्तिगत एवं साझा काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं । ऑनलाइन एवं ऑफलाइन कवि सम्मेलन में जिज्ञासु काव्य पाठ के साथ-साथ अक्सर संचालक की भूमिका में होते हैं । अब तक कई साहित्यिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत हो चुके जिज्ञासु को हाल ही में विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ भागलपुर बिहार के कुलपति डॉक्टर संभाजी राजाराम ने विद्या वाचस्पति मानद उपाधि से सम्मानित किया । श्री राममय काव्य पाठ व विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ के संयुक्त तत्वाधान में काव्य पाठ एवं सम्मान का आयोजन वाराणसी के रामकटोरा स्थित काशी सेवा समिति के पंडित मदन मोहन मालवीय सभागार में संपन्न हुआ। समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ रामअवतार पांडेय व संचालन कवि इंद्रजीत निर्भीक ने किया । इस अवसर पर प्रयागराज के पूर्व जिला जज एवं अंतर्राष्ट्रीय कवि डॉक्टर चंद्रभाल सुकुमार एवं गोरखपुर के पूर्व कमिश्नर रजिस्ट्री चंद्रनाथ ओझा के प्रमुख संरक्षण में श्री प्रकाश श्रीवास्तव , डॉक्टर ओम प्रकाश पांडेय निर्भय , गिरीश मिश्र , सुखमंगल सिंह अवधवासी , जयशंकर सिंह , रीना मिश्रा , संगीता श्रीवास्तव , डॉक्टर पुष्पेंद्र अस्थाना एवं अमरेश पांडेय के साथ-साथ प्रदेश एवं देश के महनीय कवियों एवं साहित्यकारों की उपस्थिति रही । विद्या वाचस्पति की मानद उपाधि मिलने पर शिक्षकों , कवियों एवं साहित्यकारों ने जिज्ञासु को बधाई व शुभकामनाएं दी ।