कटेहरी अंबेडकर नगर। कटेहरी विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत स्थित श्रवण धाम के पांच दिवसीय मेले में जिलाधिकारी के आदेशों के बाद भी चिउटीपारा ग्राम पंचायत में कार्यरत ग्राम पंचायत अधिकारी व ग्राम प्रधान द्वारा मेले में आए दुकानदारों से जमीन के भाडे के नाम पर जमकर उगाही किए जाने की चर्चा जोरों पर है। डर के चलते दुकानदार खुलकर मुंह खोलने को तैयार नहीं हो रहे हैं। उनका कहना है कि यदि हम अवैध वसूली के बारे में कुछ बोलेंगे तो हमें मेले में दुकान लगाने के लिए मिली जगह से भगा दिया जाएगा।कई दुकानदारों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ग्राम पंचायत अधिकारी व ग्राम प्रधान के लोग छोटे-मोटे दुकानदारों से प्रतिदिन वसूली करके अपनी जेबों को भर रहे हैं। अंतर्जनपदीय स्तर से आई बड़ी दुकानों, झूलो, सर्कसों ,मौत के कुएं ,तथा फर्नीचर की बड़ी दुकान से मेला समाप्ति के बाद बड़ी वसूली की तैयारी बनाई गई है। वसूली में लिप्त लोगों को यह पता है कि छोटे दुकानदार मेला समाप्ति के बाद अपना सामान लेकर तुरंत चले जाएंगे ।जबकि बड़े व्यवसाइयों को अपना सामान समेटने में कई – कई दिन का समय लग जाते हैं। इसलिए उनसे वसूली में कोई दिक्कत नहीं होगी ।दबी जुबान से पीड़ित दुकानदारों ने बताया कि मेला समाप्त होने पर उनसे पैसा वसूला जाएगा इसके संबंध में किसी को कुछ बताया तो आप लोगों के लिए दिक्कत खड़ी हो जाएगी। उसूली में लगे लोगों की धमकी के चलते पीड़ित दुकानदार कुछ कह पाने में अपने आप को असहज महसूस कर रहे हैं। दरअसल विगत वर्षों में ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा हजारों की संख्या में आने वाली दुकानों से लाखों रुपए की वसूली बकायदे रसीदें काट कर की जाती रही हैं। इस बार जिलाधिकारी अविनाश कुमार सिंह ने मेला शुभारंभ के पूर्व ही मेला परिसर में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पुलिस व विकास विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों के साथ बैठक कर दुकानदारों को सहूलियत प्रदान करने के लिए दुकानदारों से इस बार किसी भी प्रकार की वसूली करने पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था। लेकिन पूर्व में वसूली से मालामाल होने वाले लोगों को डी एम का आदेश रास नहीं आ रहा है।अब देखना है कि जिलाधिकारी उक्त प्रकरण में एक्शन लेते हुए पीड़ितों को मदद पहुंचाने में कारगर कदम उठाते है या फिर उनके आदेश पर अबैध वसूली करने वाले भारी सावित होंगे। इस विषय में जब ग्राम पंचायत सचिव व ग्राम प्रधान से बात की गई तो उन्होनें किसी भी तरह की वसूली से इनकार किया।