अंबेडकरनगर । पशु क्रेडिट कार्ड की सुविधा किसानों के लिए शुरू की गयी है। इस योजना के तहत किसानों को पशु किसान क्रेडिट कार्ड बनवाना पड़ता है। पशुपालन ग्रामीण क्षेत्रों की आमदनी का एक बढ़िया स्रोत बनता जा रहा है. यही वजह है कि सरकार किसानों को इस पशुपालन से जुड़े व्यवसाय को अपनाने के लिए लगातार प्रोत्साहित कर रही है। इसी कड़ी में सरकार ने पशु क्रेडिट कार्ड योजना की भी शुरुआत की थी।
इस योजना के तहत पशुपालकों को बिना किसी गारंटी का लोन मिलता है। पशु क्रेडिट कार्ड पर मिले लोन पर किसानों को केसीसी के तर्ज पर सात प्रतिशत ब्याज दर पर भुगतान करना होता है। सही समय पर लोन चुकाने पर सरकार ब्याज दर पर तीन प्रतिशत की छूट देती है। इस हिसाब से किसान को इस लोन का वापस भुगतान चार प्रतिशत के ब्याज दर पर करना होता है। किसानों को यह लोन पांच साल के अंदर लौटाना होता है। पशु क्रेडिट कार्ड की सुविधा किसानों के लिए शुरू की गयी है, इस योजना के तहत किसानों को पशु किसान क्रेडिट कार्ड बनवाना पड़ता है। इस कार्ड की मदद से पशु खरीदने के लिए कम ब्याज दर पर लोन मिलता है। के सी सी धारक की मृत्यु या स्थायी विकलांगता की स्थिति में 50 हजार रुपये तक का कवरेज मिलता है, दूसरे जोखिम की परिस्थितियों में 25 हजार रुपये तक का कवर दिया जाता है।
इतनी महत्वपूर्ण योजना किसानों के लिए चलाया गया परंतु कुछ जिम्मेदारों द्वारा केसीसी के नाम पर अवैध तरह वसूली की जा रही है। कटेहरी पशु चिकित्सालय पर कार्यरत चिकित्सक ओमप्रकाश द्वारा चार सौ से पांच सौ रूपए प्रति जानवर पर वसूली की जा रही है। जिसकी एक वीडियो सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है। वही एक दूसरी वीडियो भी सामने आई है जिसमें चिकित्सा के द्वारा पशुपालकों से दवा के रूप में मानक से अधिक पैसा वसूला जा रहा है। जबकि पशु डॉक्टर द्वारा स्वयं बताया जा रहा है वायरल वीडियो में की सभी ब्लॉकों में प्रति पशु ₹500 लिया जा रहा है। ऐसी स्थिति में किस प्रकार गरीब पशुपालकों को योजनाओं का लाभ मिल पाएगा यह भविष्य के गर्भ में है। इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी पशु विभाग नरेंद्र सिंह से जानकारी करने पर बताया गया वायरल वीडियो का संज्ञान मिला है जिसकी जांच कर उचित कार्यवाही की जाएगी जिससे पशुपालकों को शासन द्वारा संचालित योजना का लाभ प्राप्त हो सके। दोषी पाए जाने पर पशु चिकित्सा अधिकारी के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।