बसखारी अंबेडकर नगर। स्थानीय थाना क्षेत्र में मोहर्रम माह की दसवीं तारीख को जूलूस के साथ निकलने वाला ताजिया जूलूस हाय हुसैन की सदाओं के बीच शांतिपूर्ण माहौल में कर्बला में दफन कर दिया। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए थाना प्रभारी निरीक्षक जेपी सिंह यादव भारी पुलिस एवं पीएसी बल के साथ डटे रहे तो वही जुलूस को शांतिपूर्वक संपन्न कराने की व्यवस्था में प्रशासन के साथ-साथ नगर पंचायत प्रशासन भी चेयरमैन ओमकार गुप्ता अधिशासी अधिकारी राजेश कुमार वर्मा के नेतृत्व में डटा रहा। मोहर्रम इस्लामिक वर्ष के 4 महीनों में शुमार हिजरी वर्ष का पहला पवित्र महीना है। जिसे अल्लाह के रसूल हजरत मोहम्मद ने अल्लाह का महीना बताया है। इस माह की 10 तारीख को इस्लाम धर्म के मानने वाले लोग ताजिए को सजाकर जुलूस निकालते हैं।और उसे स्थानीय कर्बला में दफन करते हैं। जिसके पीछे मान्यता है कि 680 ईसवी में मुहर्रम माह की 10 तारीख को एक नरसंहार हुआ था। जिसमें लड़ते-लड़ते हजरत इमाम हुसैन और उनके चाहने वाले शहीद हुए थे। तभी से इस पर्व को मनाने की परंपरा शुरू हुई। और इस पर्व में निकलने वाला ताजिया हजरत इमाम हुसैन की कब्र का प्रतीक बताया जाता है। जिसे मुहर्रम माह की 10 तारीख को जुलूस के साथ दफन किया जाता है। उसी क्रम में इस बार शनिवार को नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा सहित क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में इस त्यौहार को मनाने वाले इस्लामी धर्म से जुड़े लोगों ने जुलूस निकालकर गमगीन माहौल में ताजिए को मखदूम साहब के आस्ताने के करीब स्थित नीर सरोवर में ले जाकर सुपुर्दगे खाक किया। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाले थाना अध्यक्ष जय प्रकाश सिंह यादव भारी पुलिस व पीएसी बल के साथ जमे रहे। वही जुलूस में शामिल लोगों को कोई असुविधा न हो इसके लगे नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा भी पहली बार पूरी तैयारी के साथ जुटा रहा। चेयरमैन ओमकार गुप्ता एवं अधिशासी अधिकारी राजेश कुमार वर्मा के नेतृत्व में जुलूस में शामिल व अन्य लोगों के लिए बसखारी, नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा सलामी गेट, नगर पंचायत कार्यालय सहित कई स्थानों पर शरबत के स्टाल लगाए गए थे और स्वच्छता व्यवस्था को भी पूरी तरीके से मुकम्मल किया गया था।