अंबेडकरनगर। तिवारीपुर में हो रहे रामलीला के पांचवे दिन गुरूवार को विष्णु प्रभाकर अयोध्या द्वारा मंचित रामलीला के दौरान “कैकेयी मंथरा संवाद व दो वरदानों की कथा” प्रसंग का मंचन किया गया,जिसमें दिखाया गया कि राजा दशरथ अपने दरबार में श्रीराम को युवराज पद देने का प्रस्ताव रखते हैं और सभी उस पर अपनी सहमति देते हैं। राम के राजतिलक की तैयारियां चलती हैं इसी बीच दासी मंथरा जाकर रानी कैकेयी के कान भरती है। तब रानी अपनी दासी मंथरा की बातों में आकर आभूषण आदि त्यागकर कोप भवन में चली जाती हैं। यह समाचार पाकर राजा दशरथ वहां जाते हैं और रानी से इसका कारण पूछते हैं, रानी कैकेयी तब राजा को पूर्व में दिए गए दो वर मांगने का वचन याद दिलाती हैं। राम की शपथ दिलाकर राजा से दो वर ‘भरत को राजगद्दी’ और ‘राम को वनवास’ मांगती हैं। यह सुनकर राजा हतप्रभ रह जाते हैं और दुखी मन से रानी के सामने अनुनय विनय करते हैं लेकिन रानी की हठ के आगे विवश हो जाते हैं। अंतत: वह असहनीय कष्ट के चलते मूर्छित हो जाते हैं।
जब यह समाचार राम को मिलता है तो वह अपने पिता की आज्ञा से सहर्ष ही वन जाने को तैयार हो जाते हैं, वहीं सीताजी और लक्ष्मण भी उनके साथ वन जाने की हठ करते हैं। वल्कल वस्त्र धारणकर राम,लक्ष्मण और सीता अपने पिता से अनुमति लेने जाते हैं और पुत्र वियोग में राजा दशरथ का हृदय विदीर्ण करने वाला विलाप करते हैं,यह देख दर्शक भाव विभोर हो जाते है और पूरा लीला स्थल जय श्रीराम के उद्घोष से गूंज उठता हैं। इस दौरान सम्पूर्ण रामलीला परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था। पांचवे दिन रामलीला का शुभारंभ जिले के डॉ० विजय तिवारी, जिला विकास अधिकारी वीरेन्द्र सिंह,डॉ दिग्विजय सिंह,कटेहरी एडीओ पंचायत प्रभात सिंह, थानाध्यक्ष महरुआ गजेंद्र विक्रम सिंह , सीओ महिंद्रा अमित सिंह, द्वारा फीता काटने के बाद भगवान राम की आरती किया गया। इस दौरान रामलीला समिति के सभी पदाधिकारी संरक्षक कन्हैया प्रसाद मिश्र,अध्यक्ष विजय मिश्र,संयोजक अरविंद मिश्र,उपाध्यक्ष सत्यप्रकाश मिश्र सत्तू, मंत्री संगम पांडेय बाबा, सचिव मेजर तिवारी के साथ सभी लोग मौजूद रहे।