Sunday, September 22, 2024
HomeAyodhya/Ambedkar Nagarअम्बेडकर नगरचहेतों को टेंडर दिलाने के रोबोट बने अधिशाषी अधिकारी

चहेतों को टेंडर दिलाने के रोबोट बने अधिशाषी अधिकारी

अंबेडकरनगर। फिल्मों में तो आपने कई बार देखा होगा या सुना होगा रोबोट द्वारा पल भर में पूरी किताब पढ़ ली जाती है, परन्तु जब इंसान ऐसा करे तो उस पर प्रश्न चिन्ह लग जाता है। ऐसा ही एक मामला नगर पंचायत जहांगीरगंज के अधिशासी अधिकारी का सामने आया है। जहांगीरगंज के अधिशासी अधिकारी ने अपने चेहते ठेकेदार को टेंडर दिलाने के लिए कुछ मिनट में मे ही लगभग पन्नो को पढ़ लिया और तीन ठेकेदारों की निविदा को निरस्त करके अपने चहेते ठेकेदार को टेंडर दे दिया।

अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए नियम कानून दरकिनार कर निविदा की प्रक्रिया कराई गई थी। निविदा में भाग लेने वाले ठेकेदार आलोक कुमार सिंह ने अधिशासी अधिकारी पर साठ गांठ का आरोप लगाते हुये डी एम से की शिकायत की है।

शिकायतकर्ता आलोक कुमार सिंह के अनुसार उसके द्वारा नगर पंचायत जहाँगीरगंज में कार्य संख्या तीन पर टेंडर प्रस्तुत किया गया था। ठेकेदार द्वारा टेंडर में सभी डॉक्यूमेंट निविदा सूचना एवं निविदा संशोधन सूचना के आधार पर मांगे गए वांछित डॉक्यूमेंट लगाकर टेंडर सबमिट किया गया था। जिसके बाद छः अप्रैल को अपरान्ह पांच बजकर इकतीस मिनट पर टेक्निकल बिड खोला गया और मात्र एक मिनट के अंदर ही टेक्निकल मूल्यांकन अपरान्ह 5:32 पर कर दिया गया।

इस प्रक्रिया में मात्र एक मिनट का समय लगा। अब यहां सवाल ये उठता है कि आखिर कैसे अधिशासी अधिकारी द्वारा इतने कम समय के अंदर डॉक्यूमेंट चेक करके ठेकेदार आलोक कुमार सिंह को टेंडर के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया। ठेकेदार आलोक सिंह का आरोप है कि एक मिनट के अंदर कौन से प्रिंटर से पांच निविदा दाताओ का डॉक्यूमेंट जो कि लगभग एक हजार पेज होगा उसको प्रिंट करके निविदा की जांच की जा सकती है? ठेकेदार ने जब अधिशासी अधिकारी से इस संबंध में बात किया तो अधिशासी अधिकारी ने ठेकेदार को कहा कि टेंडर जिसको देना था दे दिया गया है अब कुछ नहीं हो सकता तुमको जहाँ शिकायत करनी है कर लो।
फिलहाल ये कोई नया मामला नही है कि जिसमे अधिशासी अधिकारी निविदा प्रक्रिया में अनियमितता कर अपने चहेतो का लाभ पहुंचा रहे आये दिन कोई न कोई ठेकेदार अधिशासी अभियंताओ की मनमर्जी का शिकार हो रहे हैं।
नगर पंचायत राजेसुल्तानपुर के अधिशासी अधिकारी द्वारा अपने चहते ठेकेदारों को सीधे लाभ दिलाने के लिए तीन अप्रैल को शुद्धि पत्र लगाया गया जिसमें गोपनीय तरीके से अपने हिसाब ने नियम कानून बढ़ाकर निविदा को तीन की जगह अप्रैल की तिथि घोषित कर दी गई। अधिशासी अधिकारी के चहेते ठेकेदार बस्ती जनपद के बताए जा रहे हैं।

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