फरवरी में होने वाले ग्लोबल इन्वेटर्स समिट में रखा गया है मण्डल का लक्ष्य
इतने बड़े निवेश से खुलेंगे प्रगति के रास्ते, बड़े पैमाने पर होगा रोजगार सृजन
अयोध्या। निवेशकों की पसंद बनाने की यूपी सरकार द्वारा किये गये प्रयासों का असर दिखाई देने लगा है। इस बार फरवरी में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में अयोध्या मण्डल में करीब 11 हजार करोड़ का लक्ष्य रखा गया है। इतने बड़े पैमाने पर निवेश होने पर मण्डल की प्रगति के रास्ते खुलेंगे। यहां बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन भी होगा।
उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबन्धक केएन श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में निवेश को आकर्षित किए जाने के लिए आगामी फरवरी 2023 में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट लखनऊ में आयोजित की जायेगी। इसमें अयोध्या मण्डल में नई इकाईयों के निवेश को लेकर 11 हजार करोड़ रूपये का लक्ष्य रखा गया है। जनपद अयोध्या की पहचान मूलतः बेकरी उद्योग, राइस मिल, फ्लोर मिल एवं हाईफ्लो बैटरीज के रूप में है, जबकि जनपद-अमेठी की पहचान अब पोल्ट्री फीड के रूप में हो चुकी है, यहाँ पर पोल्ट्री फीड से सम्बन्धित कई बड़ी इकाईयाँ जैसे मेसर्स जाफा कम्फीड इण्डिया प्रा0लि0, मेसर्स सुगुना फूड्स प्रा0 लि0, मेसर्स शालीमार पैलेट फीड्स, मेसर्स सल्वा एग्रो हैचरजीज प्रा0लि0 पहले से ही कार्यरत है, जबकि मेसर्स स्काई लार्क फीड्स प्रा0लि0 अपनी इकाई स्थापित कर रही है तथा कई अन्य छोटी-छोटी इकाईयां भी स्थापित हो रही हैं। इसके अतिरिक्त औद्योगिक क्षेत्र में मेसर्स ग्रासिम इण्ड्स्ट्रीज, मेसर्स स्टील आथारिटी ऑफ इण्डिया, मेसर्स भेल कार्यरत हैं। वर्तमान में जनपद अमेठी में जमीनों की कोई कमी नहीं है और रोजगार को बढ़ाने के लिए बन्द पड़ी इकाईयों के अतिरिक्त खाली पड़ी भूमि पर उद्योग लगाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावां फ्लैटेड फैक्ट्री निर्माण की भी योजना पर कार्य चल रहा है। ऐसे में अब जनपद के निवेशकों को यूपीसीडा की ओर से आकर्षित करने के प्रयास शुरू किये गये हैं। 11 हजार करोड़ रूपये निवेश के इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए कार्यालय में निवेशकों की सुविधा एवं सलाह के लिस इन्वेस्टर्स हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है। जनपद अमेठी में 478.71 एकड़ औद्योगिक, 34.64 एकड़ व्यावसायिक और 19.65 एकड़ आवासीय भूमि उपलब्ध है।
उन्होने बताया कि सरकार द्वारा निवेशकों को कई लाभ दिये जा रहे है। जिसमें एमएसएमई 2022 और टेक्सटाइल एवं गारमेन्ट पालिसी 2023 के तहत निवेशकों के लिए सरकार की ओर से विभिन्न योजनाएं लागू की गई हैं। स्टाम्प शुल्क में छूट 100 प्रतिशत होगी। विस्तारीकरण एवं विवधिकरण हेतु भी स्टाम्प छूट उपलब्ध। समयबद्ध स्वीकृति, सिंगल विण्डों किलियरेन्स, ईज ऑफ डूईंग विजनेस के तहत प्रक्रियों का सरलीकरण किया गया है। इकाईयों को निवेश के आधार पर चार श्रेणी बनायी गयी। 100 एकड़ से अधिक के निजी औद्योगिक पार्को पर 50 करोड़ रूपये तक का अनुदान।
क्षेत्रीय प्रबन्धक के0एन0 श्रीवास्तव ने बताया कि प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी द्वारा यूपी जीआईएस-2023 के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये गये है और जीआईएस-2023 को सफल बनाने हेतु कार्ययोजना के प्रथम चरण में अधिक से अधिक निवेश बढ़ाने के लिए उद्यमी संगठनों के साथ गोष्ठी के आयोजन की योजना बनाई गयी है। गोष्ठी के माध्यम से सरकार द्वारा जारी नई उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2022 का प्रचार-प्रसार करते हुये अधिक से अधिक निवेश आकर्षित किया जायेगा।
Jay sri ram