जिसे रब ऊंचा कर दे उसे कोई गिरा नहीं सकता –मौलाना बकीअ जाफरी
अंबेडकरनगर। मोहल्ला पीरपुर में डाक्टर सै. हैदर मेहदी की माता मरहूमा शमीम बानो की मजलिस-ए-फातिहा सोमवार को आयोजित हुई। सर्वप्रथम नैय्यर खान लोरपुरी व हमनवा ने मर्सियाखानी करते हुए कहा दिलों में बुग्जो हसद रहा तो हुसैन का गम कहां रहेगा, गले मिलो दुरूद पढ़ कर हसद की दीवार तोड़ डालो।
तत्पश्चात इरशाद लोरपुरी ने पेशखानी करते हुए कहा सितम की इससे बड़ी और हद अब और क्या होगी, उठा न तेरा जनाजा मेरे हुसैन-हुसैन।
मजलिस की शुरुआत करते हुए मौलाना सैयद बकीअ जाफरी ने कहा इंसानों द्वारा बुलंदी पर पहुंचे लोग प्रायः उन्हीं के कारण अपमानित भी होते हैं। लेकिन जिसके कद को अल्लाह ऊंचा कर दे तो इंसान की क्या बिसात जो उसके कद को घटा सके। दूसरी मजलिस को वसीका अरबी कालेज अयोध्या के प्रवक्ता मौलाना वसी हसन खान ने दूसरी मजलिस को खेताब करते हुए कहा जिसने अज्रे रिसालत न अदा की गोया उसने कुछ किया ही नहीं।
अहलेबैत से हकीकी मुहब्बत ही आखिरत संवारने में मददगार साबित हो सकती है। सृष्टि की रचना रसूले अकरम की मुहब्बत में हुई। इस दुनिया की बका और इश्क की बुनियाद भी मोहब्बत ही है। पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद साहब ने अपने जीवनकाल में कौन सा ऐसा कष्ट है जो नहीं उठाया अब यदि हम उसकी उजरत न अदा करें तो इससे बड़ी विडंबना क्या हो सकती है। तथ्यों के आधार पर उन्होंने दावा किया कि इमाम अली इब्ने अबी तालिब से मुहब्बत न करने वाले लोग जन्नत की सुगंध भी न पा सकेंगे। संचालन जुहैर अब्बास लोरपुरी ने किया। पत्रकार अहमद मेहदी व अब्बास मेहदी ने सभी की आवभगत किया।
उक्त अवसर पर मौलाना जुहैर अब्बास वाजिदपुरी, मौलाना इंतेजार मेहदी, डॉ.मोहम्मद सकलैन रिजवी, हसन अस्करी मजलिसी, फरहत अब्बास, ख्वाजा शफाअत हुसैन, यासिर हुसैन, इम्तियाज हुसैन, कमर हसनैन, सज्जाद अस्करी जमन, मतलूब हुसैन, शजर, शादाब, हसन अब्बास सहित अनेक लोग मौजूद थे।