अयोध्या, 22 जनवरी। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरित मानस पर विवादित बयान को लेकर अयोध्या के महंतों और विहिप ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि रामचरितमानस पर इस तरीके का बयान देना बहुत ही निंदनीय है। मै समझता हूं उस व्यक्ति को रामायण का ज्ञान नहीं है। जिस तरीके से स्वामी प्रसाद मौर्या ने रामचरितमानस पर प्रतिबंध लगाने की बात कही। हम इसकी घोर निंदा करते हैं। अगर ऐसे व्यक्ति को सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के द्वारा पार्टी से नहीं निकाला गया यह सपा के लिए घातक होगा। नहीं तो आपकी पार्टी पर राम के भक्तों का प्रभाव पड़ेगा। तपस्वी छावनी के जगत गुरु परमहंस आचार्य ने कहा इस तरह की राजनीति यह लोग कर रहे जहर घोलने का काम समाज में किया जा रहा है। यह बिल्कुल गलत है। विहिप मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि हिन्दू धर्मग्रंथ श्रीरामचरित मानस पर पूर्व मंत्री सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे ऐरे गैरे नथ्थू खैरे प्रतिबंध लगाने की बेतुकी बातें कर रहे हैं। सत्ता कुर्सी न मिलने के कारण पागल पन का दौरा पड़ रहा है ,स्वामी पर। मानसिक विक्षिप्त श्रीराम विरोधी को गिरफ्तार करें उत्तर प्रदेश सरकार। रांची या आगरा भेजे। उन्होनें कहा रामचरित मानस एक पुस्तक नही यह मानव जीवन को सर्वश्रेष्ठ बनाने का अमृत कुंभ है। अयोध्या को रक्त रंजित करने वालों के हम सफर मौर्य ने श्रीराम भक्तों का अपमान किया है।