अयोध्या, 11 जनवरी। डा आलोक मनदर्शन ने बताया कि बोर्ड एग्जाम की डेट शीट आने के साथ ही परीक्षार्थियों में एग्जाम एंग्जायटी के लक्षण जैसे घबराहट, बेचैनी, हताशा, चिड़चिड़ापन, नींद मे कमी या ज्यादा सोते रहना, शारीरिक व मानसिक थकान जैसे लक्षण हावी होने लगें है जिसे एग्जाम स्ट्रेस डिसऑर्डर कहा जाता है। यह उन परीक्षार्थियों में ज्यादा दिखाई पड़ रही है जिनका आई क्यू या बौद्धिक स्तर तो अच्छा है परंतु इमोशनल कोशेन्ट या ई क्यू में कमी होने के कारण चिंतालु व्यक्तित्व विकार से ग्रसित हैं। इस विकार में आत्मविश्वास का कम होना,कंटेंट कठिन प्रतीत होना, याद कंटेंट भूलना, बेहोशी, सरदर्द, नर्वसडायरिया, पेटदर्द, जैसे लक्षण भी आ सकते हैं। उक्त बातें डा. आलोक मनदर्शन ने जिला चिकित्सालय में आयोजित एग्जाम स्ट्रेस मैनजेमेंट कार्यशाला में कही।

बचाव के बारें में बताते हुए उन्होने कहा कि परीक्षार्थी चिंतालु व्यक्तितव के प्रति सतर्क रहें तथा इमोशनल इंटेलीजेंस या भावनात्मक बुद्धिमता से नकारात्मक मनोभावों से दूरी बनाते हुए मनोस्वास्थ्य पे फोकस करें। परीक्षा परफॉर्मेंस बेहतर उन्ही का होता है जो इमोशनली इंटेलीजेंस होते हैं। अध्ययन के बीच छोटे ब्रेक लेकर मनोरंजक गतिविधियों का भी पूरा आनन्द ले तथा तरल पदार्थो का सेवन करते रहें। छः से आठ घन्टे की गहरी नींद अवस्य ले। नकारात्मक व तुलनात्मक स्वआंकलन न करे एवं एैसा करने वाले तथा अतिअपेक्षित वातावरण बनाने वाले परिजनों के दबाव से बचें। इससे स्ट्रेस हार्मोन कॉर्टिसोल में कमी आती है तथा हैप्पी हॉर्मोन सेरोटोनिन व डोपामिन बढ़ता है। जिससे परीक्षार्थी एग्जाम फोबिक न हो कर एग्जाम फ्रेंडली हो सकते हैं।