अयोध्या, 7 जनवरी। अवध विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग में शुक्रवार को सड़क सुरक्षा जागरूकता में संचार माध्यमों की भूमिका विषय पर एक गोष्ठी आयोजित की गई। गोष्ठी को संबोधित करते हुए एमसीजे समन्वयक डॉ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी ने कहा कि सड़क सुरक्षा के प्रति संचार माध्यमों की जिम्मेदारी अत्यधिक बढ़ गई है। सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं का मीडिया द्वारा प्रसारित एवं प्रकाशित की जाती है जो आमजनमानस को काफी जागरूक करती है। इसके बावजूद दुर्घटनाओं में कमी नही देखी जा रही है। डॉ0 चतुर्वेदी ने बताया कि सड़क सुरक्षा के नियमों की अवहेलना स्वयं के साथ अन्य के परिवारों को अपनी जान गवानी पड़ती है। आज जरूरत है कि सड़क सुरक्षा के नियमों का कड़ाई के साथ अनुपालन हो और अन्य को भी जागरूक करने की पहल की जाये। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा सड़क सुरक्षा के प्रति सतर्कता बरतने के लिए समय-समय पर शिक्षण संस्थानों सहित कई सरकारी, गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। मीडिया द्वारा चलाई जा रही मुहिम का लोगों के बीच व्यापक असर पड़ रहा है।

विभाग के शिक्षक डॉ0 राजनारायण पाण्डेय ने कहा कि सड़क सुरक्षा लोगों के जीवन से जुड़ा हुआ है। सभी को वाहन चलाते समय सतर्कता बरतनी जरूरी है। उन्होंने सड़क दुर्घटना के कई कारणों को गिनाते हुए कहा कि सड़क दुर्घटना के पीछे लोगों द्वारा किए गए सड़क मार्गों पर अतिक्रमण भी है। इसें रोकने के लिए पत्रकारों द्वारा कवरेज की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। सभी को सड़क सुरक्षा के संकेतों का पालन करना चाहिए। इसके साथ ही अवैध ड्राइविंग लाइसेंस पर लगाम लगना चाहिए। तभी होने वाली दुर्घटनाओं पर नियंत्रण पाया जा सकता है। गोष्ठी में विभाग के डॉ0 अनिल कुमार विश्वा ने कहा कि सड़क सुरक्षा के नियमों का अनुपालन करना सभी की जिम्मेदारी बनती है। संचार माध्यमों द्वारा सुरक्षा के प्रति लोगों को निरंतर जागरूक किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि स्वयं को सुरक्षित रखें और दूसरे को भी सुरक्षित रहने दे। क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति का जीवन अनमोल है। गोष्ठी में विभाग के छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार बढ़चढ़ कर रखे। हिमांशी सिंह ने कहा कि युवा ओवर स्पीड वाहन न चलाये। जग्गनाथ मिश्र ने कहा कि सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन स्वयं संकल्पित होकर करना होगा। अभिषेक दूबे ने कहा कि सड़क सुरक्षा के नियमों का अनुपालन करते हुए दुर्घटना से बचा जा सकता है। दीक्षा गौतम ने कहा कि वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग न करें। रोशनी कुमारी ने कहा कि व्यक्ति को रक्षा और सुरक्षा दोनों की आवश्यकता है। इसलिए सड़कों पर सीमित गति से वाहन चलाये। अभिषेक पाण्डेय ने कहा कि सड़क सुरक्षा के नियमों की लापरवाही के कारण काफी संख्या में लोग विकलांग हो जा रहे है। गोष्ठी में हरिकृष्ण यादव ने कहा कि सड़क सुरक्षा से जागरूक करने में मीडिया की विशेष भूमिका होती है। सुधांशु शुक्ला ने कहा कि सड़क सुरक्षा के प्रति मीडिया प्रेरक है। शैलेश यादव ने कहा कि देश की सीमा पर जितने जवान शहीद नही होते है उससे ज्यादा सड़क दुर्घटना में जान गवा बैठते है। उत्तम ओझा ने कहा कि दुर्घटना से आर्थिक नुकसान होता है। अतुल कुमार ने कहा कि सर्वेक्षण से पता चलता है कि अत्यधिक मौते सड़क हादसे की वजह से होती है। इसके लिए जनपद स्तर पर कार्यक्रम चलाकर जागरूक होना होगा। सौरभ मिश्र ने कहा कि सड़क दुर्घटना के उपरांत चिकित्स उपचार तत्काल आवश्यक है। इससे जीवन रक्षा हो जाती है। गोष्ठी में आदर्श मिश्रा ने कहा कि सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन युवाओं को अत्यधिक करना चाहिए। प्रगति ठाकुर ने कहा कि वाहन चलाते समय सीट बेल्ट व हेल्मेट लगाना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। मनीषा ओझा ने कहा कि सड़क सुरक्षा आवश्यक उपाय है। निलेश द्विवेदी ने कहा कि सड़क दुर्घटना में हजारों लोगों की मौत रोज होती है। इसके पीछे कहीं न कहीं हम सभी जिम्मेदार है। गोष्ठी को अनमोल उपाध्याय ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन छात्रा तान्या सिंह द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन छात्र प्रनीता राय ने किया। इस अवसर बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।