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अंबेडकर नगर, 9 जून । 

कुछ तो यारों शर्म करो , दिल में अब अंगार भरो ! 

ट्विंकल के इंसाफ की खातिर , मिलकर सब हुंकार भरो ! 

नहीं चेतना जागी तो , खुद को माफ नहीं कर पाओगे ! 

राष्ट्रधर्म की चौखट पर , हर पापी का संहार करो !! 

दरिंदे की करतूत बताती है कि वो आदमखोर है ! 

वहशी , निर्दयी , हरामखोर , चांडाल व चोर है ! 

बाढ़ सी आ गई है ऐसे पापियों की जमाने में ! 

कोई तरकीब तो निकालो , इन से पीछा छुड़ाने में !! 

दरिंदे की सजा कम होगी कोर्ट से पाने में ! 

कहीं जमानत न मिल जाए उसको थाने में ! 

ऐसे आदमखोर को दंडित करो सब मिलकर ! 

मजा इसको भी आए चुन-चुन कर पत्थर खाने में !!