.

23 Sep 2015 à¤«à¥ˆà¤œà¤¾à¤¬à¤¾à¤¦à¥¤ विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्र संगठन मंत्री रास बिहारी ने  à¤®à¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ उच्च न्यायालय के इस निर्णय बकरीद पर भी गौहत्या पर से पाबंदी नहीं हटेगी का स्वागत किया है। 

उन्होंने कहा बकरीद मुस्लिम समाज का महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। उनके धर्मशास्त्रों के अनुसार इस दिन उनको अपनी सबसे प्रिय वस्तु की कुर्बानी देनी होती है; परन्तु अब उनमें बकरे की कुर्बानी देने की परंपरा स्थापित हो चुकी है। इसीलिए इसको बकरीद भी कहा जाने लगा है; परन्तु पर्यावरण सुरक्षा के लिए कुछ मुस्लिम देशों में इस परंपरा में कुछ सीमाएं लगाई हैं जिससे मानव पशु का संतुलन बचाया जा सके। गाय जिसको सम्पूर्ण हिन्दु समाज माता के रूप में पूजता है तथा जिसकी रक्षा के लिए वह अपना सर्वस्व बलिदान करता रहा है क्योंकि इसकी रक्षा करना वह अपना धार्मिक कर्तव्य मानता है। गाय की कुर्बानी करना किसी भी मुस्लिम देश का मुसलमान अपना अधिकार नहीं मानता। परन्तु दुर्भाग्य से भारत के मुस्लिम समाज का एक वर्ग इस्लामी निर्देशों की अवहेलना कर गौहत्या को अपना अधिकार मानता है और बकरीद के दिन गऊ माता की कुर्बानी कर हिन्दू समाज की भावनाओं को आहत करता है। इसके लिए वे भारत की न्यायपालिका, संविधान, परंपराओं से टकराने के लिए किसी भी सीमा तक जाता है। विश्व हिन्दू परिषद इस मानसिकता की घोर भत्र्सना करता है।