अयोध्या। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा द्वारा बिजली कर्मियों के चल रहे कार्य बहिष्कार आंदोलन से उत्पन्न स्थिति पर चिंता व्यक्त करने और बिजली कर्मियों से अपील किये जाने का स्वागत किया है।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि जहां एक ओर ऊर्जा मंत्री ऊर्जा निगमों में कार्य का स्वस्थ और बेहतर वातावरण बनाने हेतु प्रयासरत है वही ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन का रवैया इतना स्वेच्छाचारी है कि वह ऊर्जा मंत्री के निर्देशों के अनुरूप कार्य करने हेतु तैयार नहीं है। यह स्थिति अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
ऊर्जा निगमों में स्वेच्छाचारिता समाप्त करने एवं कार्य का स्वस्थ वातावरण स्थापित करने हेतु बिजलीकर्मी पूर्ण लोकतांत्रिक तरीके से शान्तिपूर्ण आन्दोलन कर रहे हैं एवं कार्य बहिष्कार का आज तीसरा दिन है।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारियों सूर्य प्रताप सिंह, वेंकट रमण, विनय पटेल , दिलीप कनौजिया , विकास आर्य , अमरदीप श्रीवास्तव , अंकुर यादव, डी पी सिंह, सुनील मौर्य , बबलू सिंह , अनवरुल हक ने कहा कि ऊर्जा निगमों के चेयरमैन के दमनात्मक रवैय्ये से बिजलीकर्मियों में इतना गुस्सा है कि वे इस अत्यधिक तनावपूर्ण एवं नकारात्मक माहौल में कार्य कर सकने में हतोत्साहित महसूस कर रहे हैं।
इस स्थिति में बिजलीकर्मियों को मजबूरन अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार प्रारम्भ करने हेतु बाध्य होना पड़ा है। बिजलीकर्मियों ने ऊर्जा मंत्री अपील को देखते हुए कार्य बहिष्कार से उन सभी जनपदों के बिजलीकर्मियों को अलग रखा है जहाँ आदर्श चुनाव आचार संहिता लगी है। साथ ही बिजली उत्पादन घरों, पारेषण उपकेंद्रों, सिस्टम ऑपरेशन और वितरण उपकेंद्रों की शिफ्ट में कार्यरत बिजलीकर्मियों को भी कार्य बहिष्कार से अलग रखा गया है जिससे बिजली व्यवस्था पूरी तरह ठप्प न हो और आम जनता को तकलीफ न हो।
सभी ऊर्जा निगमों के बिजलीकर्मियों का कार्य बहिष्कार आन्दोलन पूरे प्रदेश में पूर्ण सफलता के साथ हो रहा है जिसमें भारी संख्या में बिजलीकर्मी उपस्थित हुए एवं प्रबन्धन के प्रति अपना रोष एवं आक्रोश व्यक्त किया। कार्य बहिष्कार आन्दोलन के आज तीसरे दिन कई जिलों की विद्युत व्यवस्था प्रभावित हुई है जिनमें लखनऊ, आजमगढ़, बलिया, मऊ, गाजीपुर, वाराणसी, सहारनपुर, सुल्तानपुर, अयोध्या, सिद्धार्थनगर, चित्रकूट प्रमुख हैं।
संघर्ष समिति ने पुनः स्पष्ट किया कि बिजलीकर्मियों के शान्तिपूर्ण आन्दोलन से आम जनता को कोई तकलीफ न हो इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है किन्तु जनता को हो रही परेशानी के लिए ऊर्जा निगम का शीर्ष प्रबन्धन जिम्मेदार है, जो जनता के बीच सरकार व बिजलीकर्मियों की छवि खराब कर रहे हैं। दाधिकारियों ने कहा कि यदि शान्तिपूर्ण आन्दोलन पर या किसी भी बिजलीकर्मी पर कोई दमनात्मक या उत्पीड़न की कार्यवाही करने की कोशिश भी की गयी तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी।