मिल्कीपुर, अयोध्या, 10 नवम्बर। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मिल्कीपुर पर अक्सर अधीक्षक नदारद रहते हैं तथा सीएचसी मिल्कीपुर पर दलालों का जमावड़ा लगा रहता है। यह आरोप यहां आने वाले मरीजों के है। इसकी कई बार शिकायत होने के बाद यहां बदलाव नहीं हुआ।
गुरुवार को करीब एक बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक अहमद ए हसन किदवई के कमरे में ताला लटक रहा था तथा सीएचसी मिल्कीपुर के कार्यालय में भी ताला बंद रहा। जिसमें अधीक्षक से फोन पर वात नहीं हो पायी। ग्रामीणों के अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक ए हसन किदवई विगत 10 वर्षों से एक ही सीएचसी पर जमे हैं यह स्वयं सीएचसी पर बहुत कम दिखाई पड़ते हैं। उपस्थिति रजिस्टर में अधीक्षक अहमद ए हसन किदवई का हस्ताक्षर किसी अन्य कर्मचारियों के द्वारा किया जाता है। सीएचसी मिल्कीपुर पर व्याप्त भ्रष्टाचार के संबंध में यहां के अधीक्षक ए हसन किदवई को कई बार शिकायती पत्र भी दिया गया लेकिन विभागीय जांच कराने की बात करते हुए भ्रष्टाचार के मामले केवल कागजों तक ही सीमित रह गया।
जबकि यहां के डॉक्टरों द्वारा बाहर से भी दवाइयां लिखी जाती हैं गरीब परिवार बाजार से दवाइयां लाने में मजबूर है लेकिन करे तो क्या करें ग्रामीण यहां के दलालों का शिकार होते रहते हैं। सीएचसी मिल्कीपुर पर आने वाली आशा बहू तथा स्थानीय लोगों ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया की यहां कार्यालय में लिपिक के पद पर एसबी त्रिपाठी की तैनाती की गई है लेकिन उन्हें आज तक कार्यालय में नहीं देखा गया है। कार्यालय में अक्सर स्वास्थ्य पर्यवेक्षक के पद पर तैनात डी पी यादव द्वारा लिपिक का कार्य संचालित किया जाता है। लेकिन विगत कई दिनों से डी पी यादव जी कार्यालय नहीं आ रहे हैं। कार्यालय में विगत कई दिनों से लिपिक के अभाव में ताला लटक रहा है।