अयोध्या। अवध विश्वविद्यालय एवं हनुमानगढ़ी मंदिर नाका, अयोध्या के बीच तीन साल के लिए एमओयू किया गया। विश्वविद्यालय के कौटिल्य प्रशासनिक भवन के सभागार में बुधवार को विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल व हनुमानगढ़ी मंदिर नाका, अयोध्या के मंहत रामदास के बीच अनुबंध किया गया।
विश्वविद्यालय प्रशासन मंदिर से निकलने वाले फूलों का प्रयोग इत्र बनाने में करेगा। इससे युवाओं में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। मौके पर अविवि की कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत वोकेशनल पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों को रोजगार से जोड़ने के लिए इत्र बनाने की विधि से प्रशिक्षित किया जायेगा। विश्वविद्यालय के इत्र प्लांट में मन्दिर द्वारा दिए गए पुष्प से इत्र व अन्य सुगन्धित उत्पाद बनाये जायेंगे। विश्वविद्यालय द्वारा निर्मित उत्पाद की आपूर्ति भी की जायेगी। कुलपति ने बताया अयोध्या के मंदिरों में प्रतिदिन भक्तों एवं श्रद्धालुओं द्वारा बड़ी मात्रा में पुष्प अर्पित किए जाते है। इसके बाद फूलों को इधर उधर निष्तारित कर दिया जाता है। इससे गंदगी एवं प्रदूषण बढ़ने लगती है। इन्हीं फूलों से विश्वविद्यालय के प्लांट में इत्र निर्मित किया जायेगा।
हनुमानगढ़ी नाका के महंत रामदास ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा मंदिर में चढ़ाए गए फूल प्राप्त करने के लिए नाका हनुमानगढ़ी से एमओयू किया गया है। मंहत ने बताया कि प्रतिदिन श्रद्धालुओं द्वारा बड़ी मात्रा में गेंदा, गुलाब, तुलसी अर्पित किए जाते है। इन्हीं निस्तारित फूलों को विश्वविद्यालय में उपलब्ध कराया जायेगा। विश्वविद्यालय के इत्र प्लांट में इत्र एवं अन्य सुगन्धित उत्पाद निर्मित करेगा। पृथ्वी एवं पर्यावरण विज्ञान संस्थान के प्रो0 जसवंत सिंह ने कहा कि हनुमानगढ़ी मंदिर नाका, अयोध्या के बीच तीन वर्ष के लिए पुनः एमओयू किया गया। मंदिरों से निकलने वाले इत्र मंदिरों में आपूर्ति किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इसमें वोकेशनल के विद्यार्थियों को प्रशिक्षित कराने के साथ रोजगारन्मुखी बनाना है। मौके पर मंदिर न्यासी संतोष मिश्रा, वेद प्रकाश, शिव भोला, श्रवण तिवारी, अजय तिवारी सहित अन्य मौजूद रहे।