अयोध्या। हरिउठनी एकादशी में अयोध्या के मठ-मंदिर में तुलसी विवाह का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। दशरथ महल तथा लवकुश मंदिर में भी तुलसी-शालिग्राम विवाह महोत्सव की धूम है। मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया है। जहां रात्रि में तुलसी जी का शालिग्राम भगवान के साथ विवाह कराया जाएगा। मान्यता के अनुसार हरि उठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चौमासा के उपरान्त शेषनाग की शैया पर योगनिद्रा से उठते है। आज ही के दिन से पुनः सृष्टि संचालन का कार्य स्वंय करते है। एकादशी से हिन्दु संस्कृति में मांगलिक कार्यों शादी विवाह, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य आरंभ होते है।
महंत राम शंकर दास ने बताया कि रामकोट स्थित लवकुश मंदिर सहित रामनगरी के मंदिरों में धूम-धाम से तुलसी विवाह का अयोजन किया गया है। जिसमें सामान्य विवाह तथा रीति रिवाज के अनुसार वर तथा वधू पक्षों की उपस्थिति में तुलसी जी तथा शालिग्राम का विवाह सम्पन्न कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि भगवान विष्णु के योग निद्रा से उठने के बाद आज से सभी मांगलिक कार्यों का आरम्भ होगा।
धार्मिक आख्यानों के अनुसार शालिग्राम रूप के साथ तुलसी का विवाह करने से भक्तों को इस लोक और परलोक में विपुल यश प्राप्त होता है।