अयोध्या। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि निर्माण के साथ ही अन्य मंदिरों व कुण्डों को सजाया व सवांरा जा रहा है। उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा अयोध्या के 37 मंदिरों का सुन्दरी करण कराया जा रहा है। धार्मिक स्थलों के पुनरूद्धार का कार्य उनकी ऐतिहासिक वास्तुकला को संजोते हुए तत्कालीन समय में प्रयोग किये गये निर्माण सामाग्रियों यथा चूना सुर्खी आदि का प्रयोग करते हुए ही रेनोवेट किया जा रहा है।
जिलाधिकारी नितीश कुमार ने बताया कि अयोध्या को विश्व स्तरीय धार्मिक एवं पर्यटन नगरी के रूप में विकसित एवं स्थापित करने के दृष्टिगत अयोध्या धाम का सर्वांगीण विकास किया जा रहा है। अयोध्या धाम में श्री राम मंदिर निर्माण के साथ ही अयोध्या धाम में स्थित विभिन्न ऐतिहासिक एवं पौराणिक मठ मंदिरों आश्रमों, भवनों, कुंडों आदि को उनकी प्राचीन वास्तुकला को संजोने-संवारने का कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। अयोध्या व उसके आसपास विभिन्न पौराणिक एवं ऐतिहासिक कुण्डों, मठ-मंदिरों, आश्रमों एवं पर्यटन स्थलों का विकास एवं निर्माण किया जा रहा है। जनपद के 37 धार्मिक स्थलों के फसाड ट्रीटमेंट एवं पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं के विकास निर्माण कार्य हेतु 68.80 करोड़ रूपये की लागत से उ0प्र0 राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा जानकी घाट, बड़ा स्थान, दशरथ भवन मंदिर, मंगल भवन, अक्षरी मंदिर, राम कचेहरी मंदिर, सियाराम किला, दिगम्बर अखाड़ा, तुलसी चौराहा मंदिर, भारत किला मंदिर, हनुमान मंदिर, कालेराम मंदिर, नेपाली मंदिर, चित्रगुप्त मंदिर, विश्वकर्मा मंदिर, छोटी देवकाली मंदिर, मौर्य मंदिर, राम गुलेला मंदिर, करतलिया बाबा मंदिर, तिवारी मंदिर, वेद मंदिर, मणिराम दास छावनी मंदिर, बरेली मंदिर, रंग महल मंदिर, टेढ़ीयाती महादेव मंदिर, राम पुस्तकालय मंदिर, विद्या देवी मंदिर, देवीकाली कुण्ड मंदिर, रत्न सिंहासन मंदिर सहित 32 पौराणिक मंदिरों, आश्रमों के बिल्डिंग एवं आर्ट संरक्षण कार्य के साथ ही पेंटिंग, लाइटिंग अरेस्ट्रो, फसाड ल्यूमिनेशन, विजिटर एमिनिटीज (टॉयलेट, क्लाक रूम, ड्रिंकिंग वाटर एण्ड शू रेक), स्ट्रीट फर्नीचर (स्ट्रीट लाइट, बेंचस, डस्टबिन, रेलिंग फुटपाथ), सीसीटीवी आदि कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। अन्य स्थानों पर भी समन्वय स्थापित कर कार्यदायी संस्था को शीघ्र कार्य प्रारम्भ करने तथा आगणन की विशिष्टियों के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण ढंग से समस्त कार्यो को दिसम्बर 2023 तक पूर्ण करने के निर्देश दिये।
उन्होनें बताया कि अयोध्या धाम के इन पौराणिक स्थलों के पुनरूद्धार का कार्य उनकी ऐतिहासिक वास्तुकला को संजोते हुए तत्कालीन समय में प्रयोग किये गये निर्माण सामाग्रियों यथा चूना सुर्खी आदि का प्रयोग करते हुए ही रेनोवेट किया जा रहा है। इसी के साथ ही इनके प्रवेश द्वारों पर चित्रकारी भी की जाएगी, आधुनिक फसाड लाइटिंग होगी। जीर्णोद्धार किये जा रहे समस्त पौराणिक स्थलों, मठ-मंदिरों एवं आश्रमों में साइनेज भी लगाये जायेंगे, जिस पर उनके पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्वों एवम् मूल्यों को उकेरा जायेगा। जिलाधिकारी ने बताया कि इसी प्रकार चरणबद्ध तरीके से अयोध्या धाम के अन्य ऐतिहासिक महत्व के पौराणिक स्थलों का जीर्णोद्धार किया जायेगा।