Sunday, March 30, 2025
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पति,पत्नी और वो’ की लहर, ढा रही जघन्य कहर – डा मनदर्शन


अयोध्या। डा आलोक मनदर्शन ने बताया कि युवा-ब्रेन में उत्तेजक-हार्मोन डोपामिन असामान्य रूप से बढ़ जाने से दिमाग़ हवा में उड़ने लगता है तथा ब्रेन-ब्रेक कमजोर हो जाता है। इसकी बानगी जघन्य लव-रिएक्टिव क्राइम,  लव-ट्राएंगल कान्फ्लिक्ट, एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर जनित हिंसा या अन्य प्रेमान्ध-जनित अपराधिक कृत्य के रूप में दिनों-दिन बढ़ रही है। लव-बर्ड को पाने के अपराधिक कृत्य के साथ ही लिव-इन सम्बन्धो से ऊब कर छुटकारा पाने या प्यार में धोखे या बेवफाई का शक या सच भी जानलेवा-हिंसा का रूप ले रहा है । किशोर व युवा इस मनोदशा के हाइ-रिस्क ग्रुप में आतें हैं। इस प्रकार ’पति,पत्नी और वो’ का कॉम्बिनेशन अब जघन्य हिंसा की पृष्ठभूमि बनता जा रहा है। दूसरी तरफ, लव ब्रेक-अप व ब्रोकेन-हार्ट सिंड्रोम मनोदशा का दुष्प्रभाव किशोर व युवाओं के अकादमिक व कैरियर परफॉर्मेंस पर भी हो रहा है।

डा आलोक मनदर्शन

मनोविकार व नशे की है अहम भूमिका :  नार्सिसिस्टिक, बॉर्डरलाइन, एंटीसोशल व्यक्तित्व-विकार तथा उन्माद, मनोविदलता ,अवसाद, सब्स्टेंस-यूज डिसऑर्डर आदि से ग्रसित युवाओं में ऐसे कृत्यों पर उतारु होने की सम्भावना पहले से ही होती है, रही सही कसर पूरी कर देता है नशा व सोशल मीडिया क्योंकि इससे ब्रेन-डोपामिन बढ़कर मनोअग़वापन की तरफ जा सकता है ।

 जागरूकता व मनोपरामर्श है प्रभावी :  डोपामिन हार्मोन को संतुलिन करने वाली दवाओं तथा काग्निटिव बिहैवियर थेरैपी से स्वस्थ अंतर्दृष्टि का विकास कर व्यक्ति को संयमित व सकारात्मक जीवन में पुनर्स्थापित किया जा सकता है। परिजनों की जागरूकता व असामान्य व्यवहार व नशाखोरी के मनोरोग- रूप में समझ व उपचार से किसी अप्रिय घटना से बचा जा सकता है।

Ayodhya Samachar

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