अयोध्या। जिला चिकित्सालय के मनोपरामर्शदाता डा आलोक मनदर्शन ने बताया कि हंसी-ठहाका मन का भोजन है तथा इसकी कमी मानसिक ,भावनात्मक व मनोशारीरिक समस्याओं को उत्प्रेरित कर सकती है। खुलकर हंसने से स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसाल कम तथा स्ट्रेस-रिलीवर हार्मोन इंडोर्फिन व मनोउमंग हार्मोन डोपामिन मे वृद्धि होती है। तनाव-युक्त भागदौड़ भरी दिनचर्या में कुछ पल हंसने की अनिवार्यता के प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से वर्ल्ड लाफ्टर-डे प्रतिवर्ष मई के प्रथम रविवार को मनाया जाता है जिसके शुरुवात डा मदन कटारिया द्वारा की गयी।
