अयोध्या। अवध विश्वविद्यालय के इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग में शनिवार को काकोरी ट्रेन एक्शन की 100 वीं वर्षगांठ के अवसर पर व्याख्यान का आयोजन हुआ। व्याख्यान को संबोधित करते हुए राजा मोहन बालिका महाविद्यालय, मनूचा अध्योध्या की प्रो0 प्रज्ञा मिश्रा ने कहा कि देश के महान सपूतों के बलिदान को भुलाया नही जा सकता। हिन्दुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन के बैनर तले 10 लोगों ने काकोरी में चलती ट्रेन को रोक कर सरकारी खजाना लूट लिया था। इस लूट के विरूद्ध तत्कालीन न्यायालय में रोशन लाल, राम प्रसाद विस्मिल, अशफाक उल्ला और राजेन्द्र लाहिड़ी को फांसी की सजा दी गई। वहीं चन्द्रशेखर आजाद के साथ चार अन्य लोगों को फरार घोषित कर दिया गया। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि काकोरी घटना ने देश में एक नये प्रकार का आन्दोलन का प्लेटफार्म तैयार किया और आगे चलकर क्रांतिकारी आन्दोलन चलता रहा। जिसका परिणाम रहा कि हमारा देश 15 अगस्त, 1947 में आजाद हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते डॉ. राजेश कुमार सिंह ने कहा कि देश को आजादी दिलाने वाले नायकों को याद करने का दिन है। काकोरी की घटना ने आजादी दिलाने में एक आन्दोलन का रूप लिया। जिसकी परिणति है कि आज हम स्वतंत्र देश में है। कार्यक्रम का संचालन व धन्यवाद ज्ञापन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अवध नरायण ने किया। इस अवसर पर विभागीय शिक्षक डॉ. दिवाकर त्रिपाठी एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रही।