अयोध्या। चौरासी कोसी परिक्रमा पूरी कर अयोध्या धाम लौटे सदगुरु कृपा मंडल के परिक्रमार्थियों ने सोमवार की सुबह पौराणिक रामकोट की परिक्रमा किया। परिक्रमा पूरी करने के बाद सभी चौरासी कोसी परिक्रमार्थी सीताकुंड जयसिंहपुर के लिए रवाना हो गए। जहां वह रात्रि विश्राम करेंगे। उसके अगले दिन मंगलवार जानकी नवमी पर रामार्चा पूजन होगा। पूजन समाप्ति उपरांत हवन और संतों के विशाल भंडारे का कार्यक्रम है। फिर सभी चौरासी कोसी परिक्रमार्थियों का स्वागत-सम्मान एवं भेंट-विदाई होगा। उसके बाद चौरासी कोसी परिक्रमा का विश्राम हो जायेगा। सभी परिक्रमार्थी अपने गंतव्य को रवाना हो जायेंगे। चौरासी कोसी परिक्रमा पूरी कर मंगलवार को हजारों परिक्रमार्थियों का जत्था देर शाम मखभूमि मखौड़ा धाम बस्ती से अयोध्या लौटा। वहां परिक्रमार्थियों ने सरयू मैया का दर्शन-पूजन, आरती किया। चौरासी कोसी परिक्रमार्थी रात भर सरयू तट पर डेरा डाले रहे। जहां उन्होंने रात्रि विश्राम किया। अगले दिन सोमवार की सुबह सभी परिक्रमार्थियों द्वारा पवित्र सरयू नदी में स्नान किया गया। तत्पश्चात परिक्रमार्थी नयाघाट से रामकोट की परिक्रमा करने नंगे पैर पैदल रवाना हुए। सीताराम और रामनाम की धुन के साथ सभी परिक्रमार्थियों ने पौराणिक रामकोट की परिक्रमा पूरी करने के बाद सीताकुंड पहुंचे। पूरे परिक्रमा पथ पर परिक्रमार्थियों ने जय श्री राम के गगनभेदी उद्घोष किए। सीताकुंड पर परिक्रमार्थियों ने रात्रि विश्राम किया। सुबह रामार्चा पूजन, हवन, संतों के भंडारे संग चौरासीकोसी परिक्रमा का समापन हो जायेगा।
सदगुरु कृपा मंडल अयोध्याधाम चौरासीकोसी परिक्रमा के संचालक स्वामी गयाशरण महाराज ने बताया कि उन्होंने हजारों परिक्रमार्थियों संग विगत 12 अप्रैल को अयोध्या धाम से चौरासी कोसी परिक्रमा आरंभ किया था। जो मखभूमि मखौड़ा धाम बस्ती पहुंची। वहां से 5 जिलों के विभिन्न पड़ावों से होते हुए मखौड़ा धाम से अयोध्या धाम पहुंची। यहां पर सभी परिक्रमार्थियों ने सुबह रामकोट की परिक्रमा किया। उसके बाद परिक्रमा पूरी कर सीताकुंड की ओर रवाना हो गए। सीताकुंड पर परिक्रमार्थी रात्रि विश्राम करेंगे। अगले दिन रामार्चा पूजन, हवन, भंडारा के साथ चौरासी कोसी परिक्रमा का विश्राम हो जायेगा। रामकोट परिक्रमा में हजारों परिक्रमार्थी शामिल रहे।