किछौछा अंबेडकरनगर। ऑल इंडिया उलमा व मशाइख बोर्ड के बैनर तले पूर्वांचल के उलमा की बैठक खानकाह अशरफिया शौख ए आज़म हसनिया सरकारे कलां किछौछा में संपन्न हुई जिसमें पूर्वांचल के सभी जनपदों से उलमा ने शिरकत की।
इस बैठक का उद्देश्य मुख्य रूप से मुस्लिम समाज के भीतर पनप रही आपसी असहमति को समाप्त कर एक प्लेटफार्म पर लाने के लिए जरूरी प्रयास करना ,समाज में पनप रही बुराइयों का मस्जिद के माध्यम से हल और बढ़ती हुई नफरत को कम करने में उलमा का योगदान रहा।
बैठक में मौजूदा उलमा ने जहां समाज की समस्याओं क्षेत्रीय स्तर पर ने हल पर राय रखी, समाज की शैक्षिक ,आध्यात्मिक,सामाजिक तथा राजनैतिक जरूरत को पूरा करने के उद्देश्य से ऑल इंडिया उलमा व मशाइख बोर्ड को और अधिक मजबूत करने के लिए सबने विमर्श किया, ज्ञात रहे ऑल इंडिया उलमा व मशाइख बोर्ड समाज की इन जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से लगातार पूरे देश में व्यापक पैमाने पर काम कर रहा है।
इस अवसर पर बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा मौलाना शमीम अंजुम को बोर्ड का उत्तरी भारत का अध्यक्ष नियुक्त किया गया साथ ही आए हुए उलमा ने जल्द ही बोर्ड का पूर्वांचल में पंचायत स्तर तक संगठन विस्तार का संकल्प लिया।
साथ ही बोर्ड के नवनियुक्त उत्तर भारत अध्यक्ष द्वारा लखनऊ में एक हॉस्पिटल की संगे बुनियाद रखने की घोषणा की वहीं कई जनपदों में अस्पताल और स्कूल खोलने की योजना पर चर्चा हुई।
बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष हज़रत सैय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने उलमा को खिताब करते हुए उनका ध्यान भारत में बढ़ती नफरत पर दिलाते हुए कहा कि इस वक्त इस्लामिक जगत में एक अहम मामला गर्म है,फिलिस्तीन और इजराइल में खतरनाक हालात के चलते उन्होंने कहा कि हमारा मौकफ इस संबंध में स्पष्ट है कि ” मजलूम की हिमायत इंसाफ का तकाज़ा है”और हम सब इस सच से वाकिफ हैं कि मजलूम कौन है ,अब तक जिस तरह से फिलिस्तीन की आवाम पर ज़ुल्म हुआ है वह भी गलत था और है।बेगुनाह लोगों का कत्ल रोका जाना चाहिए,बेगुनाह लोगों को परेशान करना इंसाफ के खिलाफ है, हम अपील करते हैं कि दुनिया में सभी इंसाफ पसंद लोग आगे आकर इस मसले का न्याय सम्मत हल निकालें और दुनिया को इस आग से बचाएं ,जंग मसलों का हल नहीं है,वहीं हज़रत ने कहा भारत के मुसलमान खास तौर से हमारे युवा इस मसले पर जिम्मेदारी से काम लें ,सोशल मीडिया पर अनर्गल बयानबाजी ,फोटो या वीडियो शेयर करने से बचें,इससे नफरत का एजेंडा आगे बढ़ता है जिसका एक उदाहरण अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में हुआ प्रदर्शन है।हमें संयमित तरीके से अपनी बात रखनी चाहिए ।
इस अवसर पर मुख्य रूप से पीरे तरीक़त हज़रत अम्मार अहमद अहमदी उर्फ़ नय्यर मियां, सैय्यद मक़सूद अशरफ मियां, सय्यद हम्माद अशरफ, मौलाना मुबारक हुसैन मिस्बाही, मौलाना शमीम अंजुमन, ज़ैनुल आबेदीन, मुफ़्ती मोईन, मौलाना इज़हार अहमद, मौलाना अकलीम मिस्बाही, मौलाना अब्बास अज़हरी, मौलाना अज़ीम अशरफ, मुफ़्ती ताजुद्दीन, मुफ़्ती हबीबुर रहमान, मौलाना अरशद जमाल, मौलाना ग़ुलाम मेहबूब सुबहानी, मौलाना नौशाद जामई, मौलाना इक़बाल अहमद, मौलाना जलालुदीन, मौलाना सैय्यद असलम चिश्ती, मौलाना सद्दाम हुसैन बरकाती, मौलाना फैय्याज़ अहमद, शमीम अशरफी, नफीस खादिम एंव अन्य मौजूद रहे।