जलालपुर,अंबेडकरनगर। प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत अपात्रों को दिये गये आवास की शिकायत पर पहुचे जांच अधिकारियों को अपात्र ही नही मिले जहाँ सभी अपात्रों को पुनः पात्र बना दिया गया। जिससे ग्रामीणों मे अधिकारियों के प्रति रोष व्याप्त है। शिकायत कर्ताओ द्वारा सभी अपात्रों के घरों की फोटो लगाकर मुख्यमंत्री कार्यालय से शिकायत कर अपात्रों से धनराशि वापस कराने और फर्जी रिपोर्ट लगाने वाले जांच अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग किया है। मामला भियांव ब्लॉक के शिवपाल गांव का है। गांव निवासी सरबजीत, संतोष आदि ने 15 फरवरी को मुख्यमंत्री पोर्टल और 27 फरवरी को जिलाधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर कुल 18 प्रधानमंत्री आवास के अपात्रों की लिखित शिकायत दर्ज कराई थी।जिलाधिकारी के आदेश पर परियोजना निदेशक ने सहायक विकास अधिकारी आईएसबी प्रदीप दुबे, अवर अभियंता लघु सिंचाई अशोक कुमार यादव और सचिव रंजय कुमार मौर्य के नेतृत्व में संयुक्त टीम द्वारा जांच का आदेश दिया था। आरोप है कि उक्त जांच अधिकारियों ने बगैर स्थलीय जांच , मनमानी ढंग से रिपोर्ट लगा दिया। रिपोर्ट में 18 के स्थान पर इंद्रावती,गुड़िया और सुधा को अपात्र दिखाया शेष 15 को पात्र पुनः बना दिया गया। इसी गांव निवासी अविवाहित सतीश को पहले शिकायत में अपात्र वही संयुक्त रिपोर्ट में पात्र दिखा दिया गया। इसरावती और मालती सास बहू है।संयुक्त परिवार में रहती है इसके बाद दोनो को पात्र दिखा दिया गया। शिकायतकर्ता सरबजीत आदि ने बताया कि सभी 18 प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थियों के पास पहले से पक्का मकान है किंतु फर्जी आख्या लगाई गई है।सभी अपात्रों के घर आदि की फोटो लगाकर पुनः मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी गई है।