◆ प्राण प्रतिष्ठा के बाद होने वाली चौदह कोसी परिक्रमा में उमड़ा आस्था का जनसैलाब
◆ परिक्रमा पथ पर सामाजिक संस्थाओं ने कैम्प के माध्यम से किया परिक्रमार्थियों की सेवा
अयोध्या। चौदह कोसी परिक्रमा पथ लाखों रामभक्तों द्वारा किये जाने वाले जयघोष से गुजायमान हो गया। आस्था के पथ पर चलते हुए रामभक्तों के भीतर उत्साह देखने लायक था। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद होने वाली इस परिक्रमा में भक्ति के विभिन्न रंग दिखाई दिए। परिक्रमा पथ पर चलने वाले श्रद्धालुओं का जगह-जगह स्वागत हुआ। विभिन्न सामाजिक संस्थाओं पर परिक्रमार्थियों के सेवार्थ कैम्प लगाए हुए थे। अब तक मिली जानकारी के अनुसार तकरीबन 30 से 35 लाख श्रद्धालुओं के द्वारा परिक्रमा किये जाने की संभावना जताई जा रही है।
पूरे परिक्रमा पथ पर श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न संगठनों की तरफ से जलपान की व्यवस्था कराई गई थी। इसके अलावा नगर निगम की ओर विश्राम गृह व मोबाइल टॉयलेट के भी इंतजाम कराए गए थे। विभिन्न घाटों पर 150 से भी अधिक चेंजिंग रूम बनाये गए थे। 14 कोसी परिक्रमा के महत्व को देखते हुए बड़ी संख्या में बाहरी श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे थे। मण्डल के जिलों के अलावा बहराइच, सीतापुर, कानपुर, लखनऊ, बरेली, गोंडा, प्रयागराज समेत अन्य जिलों के अलावा नेपाल से भी श्रद्धालु पहुंचे थे। कुछ श्रद्धालु अभी 12 नवंबर को पंचकोसी परिक्रमा करने के बाद ही लौटेंगे।
परिक्रमा पथ पर देर रात 11 बजे से सुबह सात बजे तक जबरदस्त भीड़ रही। इस दौरान एक पटरी से दूसरी पटरी पर जाने के लिए भी मशक्कत करनी पड़ रही थी। मेला क्षेत्र में जलपान की दुकानें रातभर गुलजार रहीं। किसी तरह से परेशानी न हो इसलिए 14 कोसी पथ पर निकलने वाली सभी गलियों पर बैरिकेडिंग की गई थी। कई श्रद्धालुओं ने परिक्रमा करने से पहले रविवार की सुबह सरयू स्नान किया। उसके बाद हनुमानगढ़ी और रामलला का दर्शन करने के बाद परिक्रमा उठाई। जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह ने बताया कि मुहूर्त के अनुसार परिक्रमा का समापन हो गया है। इस साल सभी रिकॉर्ड टूट गये और सर्वाधिक लोग पहुंचे थे। 30 से 35 लाख श्रद्धालुओं के परिक्रमा करने की संभावना जताई जा रही है। सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त किये गये थे। किसी तरह की कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं आई है।