अयोध्या। जिला चिकित्सालय के किशोर मनोपरामर्शदाता डॉ आलोक मनदर्शन ने बताया कि मेडिकल प्रवेश की राष्ट्रीय प्रवेश पात्रता परीक्षा- नीट 24 में लग रहे स्कैम के आरोपों का मनोदुस्प्रभाव परीक्षार्थियों व परिजनों के आक्रोशयुक्त अवसाद का कारण बन रहा है। इस मनोदशा से ग्रसित होने पर क्रोध, चिड़चिड़ापन, अनिद्रा, सर दर्द, बदन दर्द, हताशा निराशा के इमोशन दिखायी पड़ते है जिसे मनो विश्लेषण की भाषा में रिजल्ट-रिएक्टिव डिप्रेशन या प्रतिक्रियात्मक अवसाद कहा जाता है। इस मनोदशा में मन मे रस्सा कसी होने लगती है जिससे अनिद्रा, बेचैनी, भूख में कमी, चिड़चिड़ापन , सरदर्द , उदासी, क्रोध, उल्टी, पेटदर्द व मूर्छा जैसे लक्षण आ सकते है । कुछ लोग गुमशुम होकर आत्मघाती या पलायन वादी कृत्य पर उतारू हो सकते है।
उन्होंने बताया कि रिजल्ट रिएक्टिव कॉन्फ्लिक्ट से ग्रसित परीक्षार्थी के मन मे नकारात्मक व अनचाहे विचार व मनोभाव बार बार आते रहते है। मनोद्वन्द घड़ी के पेंडुलम की तरह कुआं तथा खाई जैसी मनोस्थिति दिखाने लगता है।
उन्होंने बताया कि ऐसी परिस्थितियों में परिजन व अभिभावक का रोल अहम है कि वे मनो संयम की पुनर्स्थापना वाले वातावरण बनाएं तथा अतिअपेक्षापूर्ण व तुलनात्मक आंकलन कदापि न करे। पाल्य की गतिविधियों पर मित्रपूर्ण व सजग पैनी नज़र रखे तथा कुछ भी असामान्य व्यवहार दिखने पर परामर्श अवश्य ले। परीक्षार्थी अपने मन को द्वंद की दशा से सतर्क रखें तथा आत्मग्लानि या अवसादग्रस्त दशा के प्रति जागरूक रहें। आठ घन्टे की नींद अवश्य लें और अपनी योग्यता पर भरोसा रखते हुए मानसिक संतुलन पे फोकस करें तथा समस्या के बने रहने पर मदद अवश्य लें ।