अयोध्या। अवध विश्वविद्यालय के चार शिक्षकों को राज्य सरकार की ओर से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तहत 34 लाख 50 हजार की धनराशि विभिन्न शोध कार्य के लिए स्वीकृत हुई है। जिसमें माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रो. शैलेन्द्र कुमार को आप्टिमाइजेशन ऑफ बायोसिंथेटिक्स एप्रोच फॉर सिंथेसिस ऑफ सिल्वर नैनो पार्टिकल्स एज एन एंटीबैक्टीरियल एण्ड एंटी बायोफिल्म एजेंट एगेस्ट द स्कीन बोर्न बैक्टीरियल विषय पर 13 लाख का अनुदान मिला।
बायोकमेस्ट्री विभाग की डॉ. नीलम यादव को मैकनेस्टिक एनलिसिस फॉर साइटोटॉक्सिकल पौटेंसिया; ऑफ आयुर्वेदिक त्रिफला फारमुलेशन इन हिप्टासेलुलर कार्सिनोमा सेल पर 9 लाख 50 हजार का अनुदान स्वीकृत हुआ।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तहत के अन्तर्गत माइक्रोबायोलॉजी की प्रो0 तुहिना वर्मा को डेवलपमेंट ऑफ टेक्नोलॉजी फॉर इफिसिएंट डैनकिंग ऑफ वेस्ट पेपर इन सिंगल स्टेप यूजिंग माइक्रोबियल एंजाइम काकटेल फॉर इट्स रि-साइकिलिंग इन पेपर मैन्युफैक्चरिंग एण्ड क्वालिटी इम्प्रूवमेंट विषय 7 लाख 10 हजार का अनुदान स्वीकृत किया गया। परिसर के सतत् एवं प्रसार शिक्षा विभाग के डॉ0 सुरेन्द्र मिश्र को इम्पेक्ट ऑफ 73 कांस्टीट्यूशन एमेडमेंट ऑफ सोसियो इकोनॉमिक्क प्रोफाइल ऑफ इलेक्टेड रि-प्रजेंटेटिव विषय पर 4 लाख 90 हजार की धनराशि स्वीकृत की गई।
शिक्षकों को अनुदान सेंटर ऑफ एक्सीलेंस योजना के अन्तर्गत प्राप्त प्रस्तावों का परीक्षण उत्तर प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद, लखनऊ के द्वारा एक्सपर्ट पैनल की संस्तुतियों के उपरांत राज्यपाल की संस्तुति पर सत्र 2024-25 के लिए अनुदान स्वीकृत किया गया। अनुदान प्राप्त शिक्षकों ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अनुदान स्वीकृत होने पर विश्वविद्यालय में शोध कार्य को बढ़ावा मिलेगा।
शिक्षकों के इस उपलब्धि में वित्त अधिकारी पूर्णेन्दु शुक्ल, कुलसचिव डॉ. अंजनी कुमार मिश्र, परीक्षा नियंत्रक उमानाथ, उपकुलसचिव डॉ. रीमा श्रीवास्तव, दिनेश कुमार मौर्य, मोहम्मद सहील सहित विश्वविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों एवं शोधार्थियों ने बधाई दी।