@ एन.सुगालचंद जैन
यदि आप सेवानिवृत्ति के बाद स्वस्थ रहना चाहते हैं और शांतिपूर्ण व सुखपूर्वक लंबा जीवन जीना चाहते हैं कुछ महत्वपूर्ण बातों का परिपालन किया जाना चाहिए। जिनमें सबसे पहली बात यह है कि सेवानिवृत्ति की स्थति को अपने दिलो-दिमाग में न आने दें, यह सोचकर कि मैंने बहुत मेहनत की है ,बहुत काम कर्लिया और अब मैं आराम करना चाहता हूं। अगर आप इसे बार-बार दोहराएंगे तो आपकी सेहत बिगड़ जाएगी।
इसके बाद यदि आप पहले से मोर्निंग वॉक नहीं जा रहे हैं तो मॉर्निंग वॉक पर जाना शुरू कर दें। ध्यान और योग का अभ्यास करें। संतुलित आहार लेंवें। कुछ सामाजिक गतिविधि में शामिल होंवे-वैतनिक, अवैतनिक, स्वैच्छिक या भले ही यह आपकी जेब की स्थिति अनुसार कुच खर्चा करना हो तो भि । सामुदायिक कार्य करने से आप अपने मन को व्यस्त रखेंगे, जिससे आपका बीपी, शुगर और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं नियंत्रित रहेंगी और साथ ही आपको किसी की मदद करने का संतोष भी प्राप्त होगा।
साथ ही साथ या ध्यान देना होगा कि छोटे-छोटे काम घर पर ही करने की कोशिश करें। किसी से काम करने के लिए कहने के बजाय उठेऔर जो चाहो ले । घर के लिए नियमित खरीदारी करें। दोस्तों से मिलें, आप रोजगार में कितने भी बड़े व्यक्ति रहे हों, लेकिन सेवानिवृत्ति के बाद सब बराबर हैं। इसलिए मिलने-जुलने में संकोच न करें, ऐसे लोगों से भी बात करें जो कार्यस्थल पर पदानुक्रम में नहीं थे।
शांतिपूर्ण सेवानिवृत्ति के आनंद हेतु सामाजिक संपर्क, लोगों से मिलना, परिवार के सदस्यों, विस्तारित परिवार के सदस्यों, समूहों से जुड़े रहना, अच्छे उत्साह और लंबी उम्र के लिए एक सिद्ध और परखा हुआ तरीका है। पढ़ने के लिए कोई उमर नहीं होती , कभी भी ज्ञान वर्धन कर सकते हैं । मैंने 45 की उम्र में बीए किया , 55 में पोस्ट ग्रैजूएट डिप्लोमा इन एनजीओ मनेजमेंट किया, 65 में एमए किया । प्रमाद बस पीएचडी नहीं कर पारहा हूँ। पर लगा रहूँगा ।
आप ने अवलोकन किया होगा कि व्यापारी, उधयोगपति , पेशेवर जैसे डॉक्टर , चार्टर्ड अकाउंटेंट , एडवोकेट, सलाहकार (कंसलटेंट)इत्यादि ज्यदातर रिटायअर नहीं होते हैं ।एवं दीर्घायु होते हैं। इन उपायों का पालन करने से आप सेवानिवृत्ति के बाद अपना जीवन सुख एवं शांती पूर्वक व्यतीत कर सकते हैं।दीर्ग आयु हो सकते हैं । ज़िंदगी का सुखद अनुभव अपने नाती -पोतों -पोतियों -के साथ ले सकते हैं ।