अयोध्या। मिल्कीपुर तहसील के कक्कूगंज चौराहा, कहुआ ग्राम सभा में श्रीमद्भागवत गीता महोत्सव का आयोजन किया गया। गीता जयंती से प्रारंभ हुआ इस महोत्सव का यह द्वितीय सत्र रहा। महोत्सव का आयोजन अनुकल्प मिश्र ,अंकित द्विवेदी, धर्मेंद्र प्रधान ,आशुतोष सिंह आदि नवयुवक मंडल के सदस्यों ने किया। कार्यक्रम सामूहिक प्रयासों से संपन्न हुआ। नवयुवक मंडल द्वारा सामूहिक रूप से गीता पाठ के सस्वर वाचन के साथ कार्यक्रम प्रारंभ हुआ।
मुख्य अतिथि के रूप में पधारे श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपतराय ने गीता को जीवन में चरितार्थ करके कर्मयोगी के रूप में कैसे जीने के बारें में बताया। उन्होंने बताया कि क्रोध ऐसा है जो सभी के जीवन में आता है। क्रोध का क्या कारण होगा, यह गीता बताती है। क्रोध इच्छा की पूर्ति न होने पर आता है; इच्छाओं का नियंत्रण ही क्रोध पर नियंत्रण होता है। महर्षि कार्तिकेय वटवृक्ष से आए योग गुरु रामसुफल ने योग का महत्व बताते हुए योग क्रिया और ध्यान के बारे में बताया और सिखाया भी। आयोजक एवं निवेदक अनुकल्प ने मिल्कीपुर क्षेत्र में महोत्सव मनाने का उद्देश्य बताते हुए कहा कि किस प्रकार नवयुवा पीढ़ी नशा आदि का शिकार होती जा रही है इसलिए गीता और योग से नवयुवाओं को जोड़ने की जरूरत है, इसलिए महोत्सव होते रहना चाहिए। सामाजिक कार्यकर्ता एवं मानस साधक हिमांशु सूर्यकांत त्रिपाठी ने गीता महात्म्य में प्रेरक गीत के माध्यम से कर्मवीर बनने की प्रेरणा दी और गांव-गांव, जन-जन तक गीता को पहुंचाने का संकल्प दोहराया। आचार्य अभिषेक ने गीता प्रस्तावक एवं वाचक के रूप में अपना विचार रखते हुए कहा कि पलायन हमारे दुःख पीड़ा और कष्ट के साथ कायरता को दर्शाता है। किंतु यदि विषाद, दुःख ऐसा हो कि वह आपको परमात्मा से जोड़ दे तो वह विषाद योग हो जाता है । गीता विषाद योग से प्रारंभ होकर मोक्ष संन्यास योग की ओर ले जाती है । आज समाज में हिंदू धर्म में विभिन्न शब्दों को लेकर बहुत भ्रांतियां हैं इसलिए उन भ्रांतियां के उन्मूलन के लिए पुस्तक को पढ़ना पड़ेगा, भय- शोक आदि समाप्त करना है तो गीता को पढ़ना होगा। कार्यक्रम का संचालन कर रहे आशुतोष पांडे ने गीता महोत्सव को संपन्न कराया। गीता महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे महंत गिरीश पति त्रिपाठी महापौर अयोध्या ने आयोजक मंडल को आशीर्वाद प्रदान किया। इस अवसर पर अंबिका , रवि मिश्र , राजीव,विजय कौशल,रामेंद्र , अनुराग, अनुजेंद्र, राजेंद्र पाठक, प्रकाश, महंत वैदेही भवन, डॉ० राम अवध , विजय, राकेश, अविनाश उपस्थित रहे।